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विधान परिषद में खत्म शिक्षक दल शर्मा गुट का दबदबा, आधी सीटों पर जीती भाजपा
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में पिछले कई सालों से शिक्षक दल के शर्मा गुट का दबदबा देखने को मिलता रहा है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही तरफ के सदस्य किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए शिक्षक दल के सदस्यों की राय का इंतजार किया करते थे।
लखनऊ: विधान परिषद में शिक्षक दल शर्मा गुट का दबदबा खत्म हो गया। शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा की हार के साथ ही शिक्षक दल ने अपनी साख भी गवां दी है। शिक्षक दल शर्मा गुट से केवल धु्रव कुमार त्रिपाठी ही उच्च सदन तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं।
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शर्मा गुट का दबदबा देखने को मिलता रहा है
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में पिछले कई सालों से शिक्षक दल के शर्मा गुट का दबदबा देखने को मिलता रहा है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही तरफ के सदस्य किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए शिक्षक दल के सदस्यों की राय का इंतजार किया करते थे। कई बार जिन मामलों में चर्चा के दौरान सत्ता व विपक्ष के बीच गतिरोध उत्पन्न हो जाता था तो सदन के सुचारु संचालन के लिए अधिष्ठाता मंडल से शिक्षक दल के सदस्यों का चयन किया जाता था। सदन की कार्यवाही के दौरान भी कई बार सदस्यों की ओर से शिक्षक दल के नेता ओमप्रकाश शर्मा की राय जानने की उत्सुकता प्रदर्शित होती रही है। इसकी एक बड़ी वजह शिक्षक दल के सदस्यों की सदन में महत्वपूर्ण उपस्थिति भी रही है। 100 सदस्यों वाले सदन में शिक्षक वर्ग से छह सदस्य चुनक र आते हैं।
माध्यमिक शिक्षक संघ के ही ज्यादातर सदस्य सदन में हुआ करते थे
विधानपरिषद के जानकारों के अनुसार कभी माध्यमिक शिक्षक संघ के ही ज्यादातर सदस्य सदन में हुआ करते थे। शिक्षक नेता पंचानन राय के निधन के बाद जब शिक्षक संघ दो गुटों शर्मा व ठकुराई में बंटा तो भी शर्मा गुट का ही सदन में दबदबा बना रहा। खुद शिक्षक दल के नेता ओमप्रकाश शर्मा पिछले आठ बार से चुनाव जीतते रहे हैं। उन्हें विधानपरिषद का पितामह कहा जाने लगा था। लेकिन इस बार चुनाव में भाजपा ने शर्मा गुट को पूरी तरह उखाड़ फेंका है।
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शर्मा गुट से केवल धु्रव कुमार त्रिपाठी ही चुनाव जीत सके हैं। अन्य पांच सीटों में तीन पर भाजपा , एक सीट पर समाजवादी पार्टी और एक अन्य सीट पर वित्त विहीन शिक्षक समुदाय के प्रत्याशी आकाश अग्रवाल की जीत हुई है। ऐसे में परिषद के अंदर अब केवल शर्मा गुट से एक ही सदस्य रह गया है। शिक्षक वर्ग से भाजपा की तीन सदस्यों के जीतने की वजह से जाहिर है कि शिक्षक दल नेता का पद भी अब शर्मा गुट के पास नहीं रहेगा।
रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी
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