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Teachers Day 2022: इस टीचर ने किया योगी के सपने को साकार, डिजिटल बोर्ड पर शुरु किया पहला पाठ

Teachers Day 2022: UP में इस वर्ष 75 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इसी सूची में एक नाम है सूबे के जालौन जिले के विपिन उपाध्याय का। विपिन ने अपने विद्यालय को 'स्मार्ट स्कूल' के रूप में विकसित किया।

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Written By aman
Published on: 5 Sept 2022 8:23 AM IST (Updated on: 5 Sept 2022 8:23 AM IST)
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विपिन उपाध्याय

Teachers Day 2022: आजाद भारत के पहले उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 05 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher's day 2022) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष शिक्षक दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य के शिक्षकों को सम्मानित करेंगे।

बेसिक शिक्षा परिषद (UP Basic Education Council) के स्कूलों में कार्यरत 75 शिक्षकों को 'राज्य शिक्षक पुरस्कार 2021' प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने उन टीचर्स की लिस्ट जारी कर दी है। आपको बता दें कि, रैंकिंग के आधार पर शीर्ष 10 शिक्षकों को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा 05 सितंबर को राजधानी लखनऊ में सम्मानित किया जाएगा।

विपिन उपाध्याय ने शुरू किया 'स्मार्ट क्लास'

आपको बता दें, शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान वाले शिक्षकों को राज्य सरकार शिक्षक दिवस के मौके पर सम्मानित करती है। इस वर्ष ऐसे 75 शिक्षकों को यह सम्मान मिलेगा। इसी सूची में एक नाम है सूबे के जालौन जिले के विपिन उपाध्याय (Vipin Upadhyay) का। विपिन जालौन के अमखेड़ा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए विपिन उपाध्याय ने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए 'स्मार्ट क्लास' (Smart Class) की शुरुआत की। उनके प्रयास से विद्यालय में लाइब्रेरी तथा भौतिक वातावरण तैयार किया गया। इससे आज बच्चों को पढ़ाई में काफी मदद मिल रही है। शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान और स्कूल को 'मॉडल' बनाने के लिए उन्हें राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

जानें कौन हैं विपिन और उन्होंने क्या खास किया?

विपिन उपाध्याय (Teacher Vipin Upadhyay) ने 29 जुलाई 2013 को सहायक शिक्षक के रूप में जालौन के अमखेड़ा प्राथमिक विद्यालय ज्वाइन किया। वो चाहते तो आम शिक्षकों की तरह ही अपना काम कर सकते थे। मगर, उन्होंने इससे अलग हटकर कुछ नया करने की ठानी। अपनी नियुक्ति के बाद उन्होंने स्कूल के माहौल को बदलने की दिशा में काम किया। साथ ही साथ इस विद्यालय को 'मॉडल स्कूल' के रूप में विकसित किया।

इस विद्यालय में पहली कक्षा से तीसरी तक की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए किताबों का नहीं बल्कि प्रोजेक्टऱ और टीवी का सहारा लिया। इसी माध्यम से उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। साथ ही, स्कूल में पुस्तकालय (library) की भी व्यवस्था की। इसका मकसद छात्रों के ज्ञान में लगातार वृद्धि करना था। स्कूल में टीवी, प्रोजेक्टर, स्टेबलाइजर, इन्वर्टर, कूलर, हैंडवाश सहित तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई। इनोवेशन के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए विपिन उपाध्याय का चयन किया गया है।

'हमारे काम को सरकार देखती है'

मीडिया से बात करते हुए विपिन उपाध्याय ने बताया, 'यह मेरे लिए गौरव का विषय है। हम जो कार्य करते हैं, सरकार उन्हें देखती है। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि बच्चों को बेहतर शिक्षा दें। बच्चों के आगे बढ़ने में जो प्रयास किए जा सकते हैं वो करें। विपिन ने कहा, हमारा प्रयास रहता है कि स्कूल के छात्र आगे चलकर उच्च संस्थानों तक पहुंचें।'



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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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