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शिक्षक ध्यान दें, सेल्फी सहित उनके कई मुद्दे उठे हैं परिषद में

बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा शिक्षकों के वेतन काटने का आदेश वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा तमाम लोग शिक्षकों के खिलाफ विद्यालय समय पर नहीं आने की शिकायत करते हैं। इसके लिए प्रार्थना के समय बच्चों के साथ अध्यापक जो सेल्फी ले रहें हैं, उससे सरकार शिक्षकों के साथ है और उनका किसी भी सूरत में अपमान नहीं करना चाहती। 

राम केवी
Published on: 23 July 2019 7:56 PM IST
शिक्षक ध्यान दें, सेल्फी सहित उनके कई मुद्दे उठे हैं परिषद में
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लखनऊ। शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा, हेम सिंह पुण्डीर एवं अन्य सदस्यों ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों द्वारा 20 जून, 2019 को पत्र के माध्यम से बेसिक विद्यालय के शिक्षकों को दिये गये आदेश नियम विरूद्ध होने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। सूचना की ग्राहय्ता पर हेम सिंह पुण्डीर, ओम प्रकाष शर्मा ने कहा कि शिक्षकों को प्रोत्साहन के साथ दण्ड भी लगा दिया गया है, जो उचित नहीं है।

बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा शिक्षकों के वेतन काटने का आदेश वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा तमाम लोग शिक्षकों के खिलाफ विद्यालय समय पर नहीं आने की शिकायत करते हैं। इसके लिए प्रार्थना के समय बच्चों के साथ अध्यापक जो सेल्फी ले रहें हैं, उससे सरकार शिक्षकों के साथ है और उनका किसी भी सूरत में अपमान नहीं करना चाहती।

निर्दलीय समूह के राज बहादुर सिंह ’चन्देल’, चेत नारायण सिंह एवं अन्य सदस्यों ने तदर्थ षिक्षकों को विनियमितीकरण किये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। इसी विषय से संबन्धित सपा के संजय कुमार मिश्र एवं हीरालाल यादव की नियम-110 की सूचना को भी सम्बद्ध किया गया। सूचना की ग्राहय्ता पर चेत नारायण सिंह, राज बहादुर सिंह चन्देल ने विचार व्यक्त किये।

नेता सदन ने कहा कि सरकार की मंशा किसी को बेरोजगार करने की नहीं है। विनियमितीकरण के बारे में गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा। अधिष्ठाता देवेन्द्र प्रताप सिंह ने सरकार को विनयमतिकरण की कार्यवाही सुनिष्चित करने पर विचार करने के निर्देश दिये।

मदरसों पर कार्रवाई के निर्देश

नियम-39(क) के अन्तर्गत औचित्य का प्रश्न ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने प्रदेष के मदरसों आधुनिकीकरण शिक्षा से लगे शिक्षकों को मानदेय का भुगतान एवं सेवा नियमावली बनाये जाने के लिए सदन में 20 फरवरी2019 को नियम-110 के अन्तर्गत वक्तव्य एवं चर्चा की मांग के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने का मामला औचित्य के प्रश्न के रूप में उठाया। सभापति ने सरकार को आवष्यक कार्यवाही के निर्देश दिये।



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