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गोरखपुर यूनिवर्सिटी में शिक्षकों,कर्मचारियों की होगी भर्ती, मिली मंजूरी
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद की बैठक का आयोजन शुक्रवार को कुलपति प्रो. राजेश सिंह की मौजूदगी ...
गोरखपुरः दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद की बैठक का आयोजन शुक्रवार को कुलपति प्रो. राजेश सिंह की मौजूदगी में प्रशासनिक भवन के कमेटी हॉल में हुई। बैठक के दौरान विश्वविद्यालय में खाली चल रहे शैक्षणिक पदों को भरने की संस्तुति कार्यपरिषद ने प्रदान की है। इसे लेकर रोस्टर सिस्टम को भी मंजूरी मिल गयी है। इन पदों के लिये जल्दी ही विज्ञापन जारी किया जाएगा।
बता दें कि नए सत्र में विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर जनोमिक्स एंड बायो इन्फार्मेटिक्स और इंस्टीटूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस को शुरू करने की भी कार्य परिषद ने स्वीकृत की है। फिलहाल इन दोनों सेंटर्स पर 4-4 अस्थाई पदों से अध्यापन कार्य शुरू किया जाएगा। स्थायी पदों की नियुक्ति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। एक अन्य अहम फैसले में गैर शैक्षणिक पदों के अंतर्गत विश्वविद्यालय में रिक्त चल रहे 2 चिकित्सकों, एक ग्रंथालयी और एक प्रोग्रामर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने पर भी सहमति बनी है।
स्टार्टअप को बढ़ावाः
तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की सूची बनाकर शासन को भेजा जाएगा। इन पदों पर शासन स्तर से कमीशन द्वारा नियुक्तियां होंगी। मनोविज्ञान विभाग में महिलाओं के लिए साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सेंटर खुलने की राह भी आसान हो गई है। दो काउंसलर यहां तैनात किए जाएंगे। कार्य परिषद ने इसकी भी मंजूरी दे दी है। विश्वविद्यालय की ओर से स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एंटरप्रेन्योरशिप एवं इनक्यूबेशन सेंटर की एक नॉन-प्रॉफिट कंपनी स्थापित की जाएगी। इस प्रस्ताव पर भी कार्यपरिषद ने अपनी मुहर लगाई है।
11 शिक्षकों के स्थायीकरण को भी मंजूरीः
कार्यपरिषद ने विश्वविद्यालय में कार्यरत 11 शिक्षकों के स्थायीकरण को भी मंजूरी दी है। इनमें हिंदी विभाग से तीन आचार्य, सात सहायक आचार्य हैं। इनके साथ ही एक आचार्य बॉयोटेक्नालॉजी से हैं।
विवि में होगी बीएससी (एजी)और एमएससी (एजी) की पढ़ाईः
विवि में बीएससी (एजी)और एमएससी (एजी) की पढ़ाई, विवि के ब्रांड अंबेसडर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी पर आधारित तीन क्रेडिट के कोर्स के साथ नाथ पंथ पर आधारित डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और डिग्री कोर्स समेत अन्य अहम बिंदुओं पर कार्यपरिषद ने अपनी मुहर लगाई है।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि होंगे डॉ. संजय रायः
कार्यपरिषद की ओर से दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि मॉटगोमरी कालेज ऑफ यूएसए के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ एकेडमिक अफेयर्स डॉ.संजय राय के नाम पर भी संस्तुति प्रदान की गई है। शोध कार्यों में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए सीबीसीएस प्रणाली पर आधारित प्री-पीएचडी को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
विश्वविद्यालय से होकर गुजरेगा पूर्वांचल के विकास का रोडमैपः
बैठक के दौरान कुलपति जी ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से 'पूर्वांचल के सतत विकासः मुद्दे, रणनीति और भावी दिशा' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन दिसंबर 2020 में किया गया था। पांच अप्रैल को मुख्यमंत्री कार्यालय से ये सूचना मिली है कि विश्वविद्यालय की ओर से सेमिनार में मंथन के दौरान जो सिफारिशें आई हैं उसे लेकर पांच कैबिनेट मंत्रियों की एक कमेटी बनाई गई है। विश्विद्यालय ने शासन को सूचित कर दिया है कि वह कमेटी का पूरा सहयोग देगा। ये कमेटी विश्वविद्यालय की ओर से 1000 स्टार्ट अप को पूर्वांचल में लागू करने की सिफारिश को जमीन पर उतारने का काम करेगी। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय भी 100 स्टार्ट अप देगा।
52 मेधावियों को मिलेंगे स्वर्ण पदकः
विश्वविद्यालय के प्रस्तावित दीक्षांत समारोह के दौरान दिए जाने वाले पदकों और उपाधि को भी कार्य परिषद ने अपनी मंजूरी प्रदान की। समारोह के दौरान 52 मेधावियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक और 78 स्मृति पदक प्रदान किये जाएंगे। इनमें 38 छात्राएं और 13 छात्र शामिल हैं। इसके साथ ही साथ 155 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की जाएगी। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ स्वर्ण पदक प्रदान करने के लिए गठित समितियों की संस्तुति पर भी मुहर लगी है।