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तहसीलदार का रिश्वत खोर ड्राइवर: बिजनौर में खनन ठेकेदारों व डंपरो के मालिकों से करता था उगाही, वसूले 21 लाख रूपये

तहसीलदार का रिश्वत खोर ड्राइवर: तहसीलदार के ड्राइवर ने खनन ठेकेदारों व डंपरो के मालिकों से उगाही कर डाली। ड्राइवर रिश्वत की रकम पत्नी के एकाउंट में ट्रांसफर कराता था।

‪Rohit Tripathi‬
Published on: 7 Jun 2022 5:19 PM GMT
Tehsildars bribe-boring driver: In Bijnor, used to extort from mining contractors and dumpers owners, recovered Rs 21 lakh
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बिजनौर: तहसीलदार का रिश्वत खोर ड्राइवर नदीम

Bijnor: बिजनौर में धामपुर तहसीलदार के ड्राइवर के कारनामे का पर्दाफाश हुआ है। तहसीलदार के ड्राइवर ने खनन ठेकेदारों व डंपरो के मालिकों से उगाही कर डाली। ड्राइवर रिश्वत (bribery) की रकम ईमानदारी से गूगल पे, फोन पे, पेटीएम और पत्नी के एकाउंट में ट्रांसफर कराता था। यह खुलासा तहसीलदार की जांच में हुआ है। पिछले दो साल मे 21लाख रूपये रिश्वत के ट्रान्सफर किये गए। एसडीएम ने ड्राइवर के निलंबन करने को लेकर डीएम को लिखा पत्र।

आपने आज तक बहुत रिश्वत खोर देखे होंगे लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ईमानदार रिश्वत खोर को दिखाएंगे जो न सिर्फ ईमानदारी से रिश्वत की रकम लेता है बल्कि पूरी ईमानदारी से बेईमानी करने की भी गारंटी देता था। जी हां हम बात कर रहे है जिला बिजनौर के धामपुर तहसीलदार कमलेश कुमार के सरकारी ड्राइवर नदीम की.। नदीम पिछले कई सालो से तहसीलदार धामपुर कई गाडी चलाता है।

जमकर अवैध वसूली करता था ड्राइवर नदीम

ड्राइवर नदीम का इलाके के सभी गैर कानूनी धंधा करने वालो का आका बन बैठा था और उसकी ये शोहरत ही उसके गले कई फांस बन गयी खनन माफिया हो या इलाके में गुजरने वाले डम्परों से साठ गांठ कर जमकर अवैध वसूली कर रहा था वो भी तहसीलदार के नाम पर।खनन माफियाओं से सांठगांठ के आरोपों के चलते सुर्खियों में आए तहसीलदार के ड्राइवर द्वारा खनन माफियाओं से पिछले 2 वर्षों मे वसूली गई लाखों रुपए की धनराशि को पत्नी के बैंक खाते में जमा कर रहा था।

फोटो: पीड़ित डम्पर मालिक

इतना ही नहीं तहसीलदार के ड्राइवर ने खनन माफियाओं से ईमानदारी से संबंध निभाते हुए ऑनलाइन गूगल पे, फोन पे, पेटीएम एवं चेक के माध्यम से भी सुविधा शुल्क वसूल कर ओवरलोड खनन माफियाओं की गाड़ी की एंट्री अपने पास दर्ज कर ली। अब जांच में फंसे शातिर ड्राइवर के कारनामे धीरे-धीरे परदे से बाहर आ रहे हैं।

धामपुर तहसीलदार के सरकारी वाहन पर नदीम अहमद पिछले करीब 3 वर्षों से चालक के पद पर कार्यरत है। बताया जाता है कि खनन माफियाओं के संबंध तहसीलदार के ड्राइवर नदीम से इतने मधुर हो गए कि खनन माफियाओं ने बड़े बड़े अधिकारियों को दी जाने वाली सुविधा शुल्क की धनराशि चालक नदीम की पत्नी शहाना तथा नदीम के संयुक्त धामपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक खाते में पिछले 2 वर्षों से जमा कर रहे थे।

फोटो: विजयवर्धन तोमर, एसडीएम धामपुर

रिश्वत का पैसा चेक के माध्यम से भी

इतना ही नहीं खनन माफियाओं तथा ड्राइवर के बीच इतने मधुर व गहरे संबंध स्थापित हो गए कि रिश्वत का पैसा चेक के माध्यम से भी कई बार लिया गया। बताया जाता है कि शातिर व मास्टरमाइंड नदीम काफी समय से धामपुर तहसीलदार के चालक के पद पर कार्यरत होने के चलते क्षेत्र के सभी खनन माफियाओं से उसकी गहरी दोस्ती हो गयी थी ।

सूत्रों का दावा है कि ओवरलोड खनन गाड़ियों की प्रति माह एंट्री कराने के बदले खनन माफियाओं से ढाई हजार रुपये प्रति गाड़ी के हिसाब से वसूली होती थी। खनन माफियाओं से मिलने वाली रिश्वत के बदले ड्राइवर द्वारा जब कभी भी उच्च अधिकारियों का दबाव तथा छापेमारी होने से पहले सतर्क कर देता था। खनन माफिया तय बंधी बंधाई रकम देने के बाद बेखौफ होकर ओवरलोड वाहन दिन-रात चलाकर सरकार को लाखों करोड़ों रुपए के राजस्व चूना लगा रहे थे।

Shashi kant gautam

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