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Temple in UP shifted: शिफ्ट हुआ भगवान हनुमान का घर, यूपी में हैरान कर देने वाली खबर
UP Temple Shift By Jacking: अब 150 साल पुराने हनुमान मंदिर को जैक की मदद से नेशनल हाईवे के पास खेत में शिफ्ट किया जा रहा है। मंदिर को हाइड्रॉलिक जैक मशीनों के साथ खिसकाया जा रहा है।
UP Temple Shift By Jacking: क्या आपने बॉलीवुड फिल्म सरदार का ग्रैंडसन देखी है। जिसमें अर्जुन कपूर अपनी दादी की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए लाहौर से पुस्तैनी घर को जैकिंग की मदद से अमृतसर ले आता है। ऐसा ही कुछ हैरान कर देने वाला मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर(Shahjahanpur) से सामने आया है। शाहजहांपुर के तिलहर में एक बहुत प्राचीन करीबन 150 साल पुराना हनुमान मंदिर है। ये मंदिर नेशनल हाईवे(National Highway) निर्माण के बीच में आ रहे है, इस वजह से इस मंदिर को शिफ्ट किया जा रहा है।
दरअसल शाहजहांपुर के तिलहर में बहुत प्राचीन हनुमान मंदिर है। इस मंदिर से लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। ऐसे में नेशनल हाईवे बनाने की वजह से पहले कई बार इस मंदिर को जो (तिलहर थाना इलाके में नेशनल हाईवे 24 पर कछियना खेड़ा नामक जगह पर स्थित है) को तोड़ने का प्रयास किया गया। लेकिन सभी प्रयास असफल हो गए।
जैक मशीन की मदद से शिफ्ट किया गया मंदिर
जिसके बाद अब 150 साल पुराने हनुमान मंदिर को जैक की मदद से नेशनल हाईवे के पास खेत में शिफ्ट किया जा रहा है। मंदिर को हाइड्रॉलिक जैक मशीनों के साथ खिसकाया जा रहा है।
इस बारे में तिलहर की एसडीएम राशि कृष्णा ने जानकारी देते हुए बताया कि 150 साल पुराने 16 फीट ऊँचे हनुमान मंदिर को सड़क के माध्यम खेतों में ले जाया गया है। ऐसे में सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, हनुमान मंदिर को शिफ्ट करने के लिए 500 जैकों की मदद ली जा रही है।
आपको बता दें कि इससे पहले ऐसा कभी नहीं किया गया है। लेकिन पहली बार यूपी के शाहजहांपुर में जैक मशीन की मदद से मंदिर को शिफ्ट किया जा रहा है।
आगे जानकारी देते हुए शाहजहांपुर के तिलहर की एसडीएम राशी कृष्णा ने बताया कि तीन महीने से हनुमान मंदिर को शिफ्ट करने का काम चल रहा है। इन प्रयासों से 16 फीट ऊंचे हनुमान मंदिर को बहुत ही मेहनत से मशीनों द्वारा खिसकाया गया है।
वैसे मंदिर को लेकर पहले महीनों हिंदूवादी संगठनों ने जमकर विरोध किया। लेकिन जब प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि शिफ्ट करने से मंदिर को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, तो फिर शिफ्टिंग का काम आगे बढ़ा। जिसके बाद अब इंजीनियरों ने जैक मशीन से मंदिर को शिफ्ट करने का काम शुरू किया, जो लगभग पूरा हो गया है।