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घरों से कचरा उठाने के लिए 10 साल में खर्च किए जाएंगे 3 अरब 6 करोड़ 60 लाख रुपये

sudhanshu
Published on: 6 Sept 2018 8:13 PM IST
घरों से कचरा उठाने के लिए 10 साल में खर्च किए जाएंगे 3 अरब 6 करोड़ 60 लाख रुपये
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नोएडा: आगामी दस साल तक नोएडा प्राधिकरण डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाली कंपनी को 3 अरब 6 करोड़ 60 लाख रुपए देगी। यह कार्य एजी इंवायरो इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लि. करेगी। कंपनी आगामी तीन से चार माह में डोर-टू-डोर कचरा उठाने का कार्य शुरू कर देगी। यानी प्रत्येक साल करीब 30 करोड़ रुपए प्राधिकरण कंपनी को देगी। इस कार्य में समस्त उपकरण, मानव शक्ति व समस्त प्रकार का व्यय आवंटित संस्था द्वारा ही किया जाएगा। यह लागत निकालने के लिए प्राधिकरण द्वारा चार माह बाद तय की गई निर्धारित दर भी लागू कर दी जाएगी। जिसके तहत प्रत्येक आवंटी से न्यूनतम 25 रुपए से लेकर 125 रुपए तक लिया जाएगा।

वहीं, उद्योगों, रेस्त्रां व अन्य कंपनियों से निकलने वाले कचरे की महीने वार फीस अलग-अलग निर्धारित की जा चुकी है। फीस वसूलने का कार्य भी कंपनी को करना होगा। शहर से निकलने वाले कचरे को मुबारकपुर में अस्थायी तौर पर एकत्रित किया जा रहा है। शहर से प्रतिदिन करीब 400 से 650 मेट्रिक टन कचरा निकलता है। इसे ट्रकों के जरिए मुबारकपुर पहुंचाया जा रहा है। इस कार्य के लिए प्राधिकरण द्वारा 400 करोड़ रुपए का आगणन कर निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा कारों द्वारा इसमें 23.35 प्रतिशत धनराशि कम पर कोट किया गया और जो निविदा न्यूनतम पाई गई उसने 23.35 प्रतिशत कम कोट करके लग•ाग 306 करोड़ रुपए में 10 साल का कार्य करने के लिए आवंटित किया गया। दिसंबर या जनवरी में डोर-टू-डोर कलेक्शन का काम शुरू कर दिया जाएगा।

बनाए जाएंगे मैकेनाइज्ड ट्रांसफर स्टेशन

स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर के समस्त घरों से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग कर उसे अनाधिकृत साइट पर पहुंचया जाएगा। उक्त कार्य का मुख्य उद्देश्य नोएडा की सड़कों को कचरा विहीन करना है। इसके लिए शहर में बने समस्त खुले डलावघरों को खत्म कर मैकेनाइज्ड ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाएंगे। जिसमें घरों एवं साफ-सफाई के उपरान्त आने वाले कचरे को संग्रहित कर रखा जाएगा एवं वहीं से कचरा निस्तारण सासट पर कचरा एकत्रित कर पहुंचाया जाएगा। इस कार्य के लिए उक्त कंपनी को 1400 प्रति टन टिपिंग फीस के रूप में भुगतान किया जाएगा।

93.89 में किलोमीटर में होगी मैकेनिकल स्पीविंग

शहर में जीआईएस आधारित मेकेनिकल स्वीपिंग की जाएगी। यह स्वीपिंग 93.89 किलोमीटर की सड़कों पर की जाएगी। जिसमे 45 मीटर चौड़ी सड़क पर की जाएगी। यह कार्य स्वच्छ भारत मिशन के तहत किया जा रहा है। वर्तमान में यहा 68 किलोमीटर सड़को पर मैकेनिकल स्वीपिंक का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य चैन्नई एमएसडब्ल्यू द्वारा आगामी पांच सालों तक किया जाएगा। सफाई के साथ सप्ताह में एक दिन सड़कों की धुलाई का कार्य किया जाएगा। प्राधिकरण विशेष कार्याधिकारी ने बताया कि पांच सालों के लिए जो निविदा आमंत्रित की गई थी वह करीब 51 करोड़ रुपए की थी। जिस कंपनी को कार्य आवंटित किया गया है। उसको कार्य लगभग 28 करोड़ 79 लाख में पांच सालों तक करना होगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में एलिवेटड रोड, एमपी-2 रोड गिझौड़ से सेक्टर-68 टी प्वाइंट तक 45 मीटर रोड एक्सप्रेस-वे के सामान्नतर, खोड़ा मीट मार्केट से एमपी-03 होशियापुर तक, एफएनजी मार्ग, एमपी-02 रोड निठारी से डीएससी रोड वाया शशि चौक, हॉजरी कांप्लेक्स से सेक्टर-83,84,87 मध्य रोड, सेक्टर-77 एवं सेक्टर-78 के मध्य से सेक्टर-115 तक, सेक्टर-74, 75 के मध्य रोड एवं सेक्टर-76 एवं सेक्टर-77, सेक्टर-74 ,117 के मध्य रोड एवं सेक्टर-77 व सेक्टर-116 के अलावा करीब एक दर्जन सेक्टरों में सड़कों की साफ-सफाई का कार्य मैकेनिकल स्वीपिंग से किया जाएगा।

कंस्ट्रक्शन मलबे का किया जाएगा निस्तारण

शहर से निकलने वाले कंस्ट्रक्शन मलबे के निस्तारण के लिए रेम्की इंजीनियर्स एनवायरो लिमिटेड का चयन किया गया है। कंपनी द्वारा उक्त कार्य करीब 15 सालो तक किया जाएगा। फर्म द्वारा उक्त मलबे के निस्तारण हेतु 300 टन प्रति दिन पर आधारित एक प्लांट स्थापित किया जाएगा। जिस पर कंस्ट्रक्शन मलबे को ले जाकर विभिन्‍न प्रकार के उत्पाद का निर्माण किया जाएगा। उनको बाजार में बेचने का कार्य भी कंपनी द्वारा ही किया जाएगा। विभिन्‍न स्थानों पर मलबा उठाने के लिए फर्म को भुगतान रुपए 497 रुपए प्रतिटन मलबे के अनुसार किया जाएगा। जिसकी कुल लागत 81.3 करोड़ रुपए आएगी।

खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए एनजीओ का चयन

शहर को खुले में शौच मुक्त बानने के लिए प्राधिकरण ने एनजीओ का चयन किया है। इसका कार्य लोगों को खुले में शौच के लिए न जाए इसके प्रति जागरूक करना होगा। इसके लिए उन्हें प्रेरित करना होगा। इसके अलावा शहरवासियों को गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग रखने के लिए जागरूक करना सभी प्राइमरी व सेकेंड्री कचरा घर को सर्वे करना। जिससे किस कचरा घर से कचरा एकत्रित किया गया है। इसका लेखा जोखा रखा जा सके। उक्त कार्य के लिए आदर्श सेवा समिति को चुना गया है। जिसकी लागत करीब 4.68 करोड़ रुपए आएगी।

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