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UP में बंद होंगी 10 साल पुरानी गाड़ियां, लखनऊ समेत 7 शहरों से होगी शुरुआत
लखनऊः यूपी में बढ़ते प्रदूषण की वजह से 10 साल पुरानी पेट्रोल और 15 साल पुरानी डीजल गाड़ियां बंद कर दी जाएंगी। इसकी शुरुआत लखनऊ, कानपुर, आगरा, नोएडा, गाजियाबाद, वाराणसी और गोरखपुर से होगी। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से चेतावनी के बाद ये फैसला हुआ है। इस बारे में अगले हफ्ते तक नीति तैयार कर कैबिनेट को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।
एनजीटी ने क्या कहा?
एनजीटी ने परिवहन आयुक्त से कहा है कि दिल्ली के आसपास के जिलों में 10 साल पुरानी पेट्रोल और 15 साल पुरानी डीजल गाडियों का पंजीकरण रिन्यूअल न की जाए। एनजीटी ने ये भी कहा है कि आबादी और गाड़ियों की तादाद के हिसाब से बड़े शहर चुने जाएं और पुरानी गाड़ियों को बाहर कर दिया जाए। उसने कहा है कि ये आखिरी चेतावनी है और इसके बाद यूपी सरकार को कोई मौका नहीं दिया जाएगा।
कितनी गाड़ियां चिह्नत हुईं?
बताया जा रहा है कि परिवहन विभाग ने चिह्नित शहरों में गाड़ियों की संख्या पांच से 18 लाख के आसपास पाई हैं। सात शहरों से गाड़ियों को हटाने के बाद मेरठ, फैजाबाद, इलाहाबाद, अलीगढ़, संत रविदास नगर, मुरादाबाद, बरेली, मथुरा, सहारनपुर, मऊ, झांसी, देवरिया, फिरोजाबाद, हापुड़, बुलंदशहर और मुजफ्फरनगर समेत 16 शहरों में पुरानी गाड़ियों के चलने पर रोक लगाई जाएगी। इन शहरों में तीन से पांच लाख पुरानी गाड़ियां हैं। बाकी 52 शहरों में इसके बाद गाड़ियां बंद होंगी। जिनकी संख्या 50 हजार से 1 लाख 70 हजार तक है।