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Aligarh News: इन इलाकों में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, डीएम ने लिया हालात का जायजा
Aligarh News: गुरूवार को डीएम-एसएसपी ने यमुना के बढ़ते जलस्तर एवं बहाव का जायजा लेकर बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों को परखा।
Aligarh News: गुरूवार को डीएम-एसएसपी ने यमुना के बढ़ते जलस्तर एवं बहाव का जायजा लेकर बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों को परखा। इस दौरान किसी भी प्रकार की समस्या एवं जनहानि न होने देने के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए।
गांव वालों से संयम बरतने की अपील
डीएम और एसएसपी ने बाढ़ चौकियों, पशु व स्वास्थ्य विभाग की टीमों का निरीक्षण किया। कहा कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और ग्रामवासी अन्यथा भयभीत न हों। संभावित बाढ़ से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण व संसाधन उपलब्ध हैं। एसडीएम एवं तहसीलदार को तटीय ग्रामों में जलस्तर की निरंतर मॉनीटरिंग करते हुए सूचना प्रसारित करने के निर्देश दिए गए हैं।
महाराजगढ़ में लिया बाढ़ के हालात का जायजा
अलीगढ़ जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने गुरूवार को टप्पल के तटीय क्षेत्र में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के साथ संभावित बाढ़ प्रभावित ग्राम महाराजगढ़ का दौरा किया। उन्होंने यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर उचित प्रबंध किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने चौपाल में संवाद स्थापित करते हुए ग्रामीणों से कहा कि उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को बाढ़ से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपकरण व संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। हालांकि दिल्ली-हरियाणा में हुई भयंकर बरसात के चलते यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। सुरक्षा के दृष्टिगत तटवर्ती ग्रामों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अभी तटीय सड़कों व खेतों में पानी आया है। आबादी क्षेत्र सुरक्षित है। आवश्यकता पड़ने पर विस्थापन की कार्यवाही भी की जाएगी। संक्रामक रोगों पर नियंत्रण के लिए पशु चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम को सक्रिय कर दिया गया है। निरीक्षण के दौरान सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया कि संभावित बाढ़ प्रभावित ग्रामों में समस्त प्रकार के चाक-चौबंद व्यवस्थाएं रहें। समस्त बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों को अलर्ट रहते हुए निरंतर निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि ओखला बैराज से तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने पर यमुना तहसील खैर में खतरे के स्तर को पार कर रही है। संभावित प्रभावित होने वाले ग्रामों में नौ बाढ़ चौकियां स्थापित हैं, जहां 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती की गई है।