अस्पताल परिसर की गंदगी कहीं ले न ले टीबी के मरीज़ों की जान

बलरामपुर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से यहां टीबी के मरीजों पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। वार्ड की जर्जर दीवारें, कायी की जमी हुई मोटी परत, सीलन से उधड़ा हुआ प्लास्टर संक्रमण का कारण बन रहा है।

Manali Rastogi
Published on: 21 Dec 2018 11:25 AM GMT
अस्पताल परिसर की गंदगी कहीं ले न ले टीबी के मरीज़ों की जान
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अस्पताल परिसर की गंदगी कहीं ले न ले टीबी के मरीज़ों की जान

लखनऊ: जहां एक तरफ सरकार टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठा रही है, वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों की लापरवाही मरीज़ों की सेहत के लिए जानलेवा साबित हो रही है।

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बलरामपुर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से यहां टीबी के मरीजों पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। वार्ड की जर्जर दीवारें, कायी की जमी हुई मोटी परत, सीलन से उधड़ा हुआ प्लास्टर संक्रमण का कारण बन रहा है।

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गौर करने की बात है कि टीबी के मरीजों में पहले से ही रोगों से लड़ने की ताकत कम होती है, ऊपर से अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मरीजों की जान पर बन सकती है।

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माइक्रोबायोलॉजिस्टों की मानें तो सीलन आदि से दीवारों पर खतरनाक बैक्टीरिया चिपक जाते हैं, जो सांस के जरिए मरीजों के शरीर में दाखिल हो सकते हैं और यह खतरनाक साबित हो सकता है।

अस्पताल परिसर में टहल रहे कुत्ते

बलरामपुर में गार्डों से ज़्यादा तो कुत्ते पहरा देते मिलते हैं। जहां अधिकांश जगहों से गार्ड नदारद हैं, वहीं लगभग सभी वार्डों में कुत्ते टहलते दिख जाते हैं।

यहां पर बाल रोग वार्ड में तो कुत्तों की पूरी फौज है। यह आवारा कुत्ते बच्चों में संक्रमण फैला सकते हैं। टीबी वार्ड में भी कभी कभार यह कुत्ते घुस जाते हैं। ऐसे में टीबी मरीज़ों की सेहत भगवान भरोसे ही है।

वार्ड में टूटी खिड़की से ठंड में हो रही दिक्कत

बलरामपुर अस्पताल में स्वाइन फ्लू वार्ड में कुल 18 बेड हैं, जिसमें से ज्यादातर मरीज टीबी के भर्ती हैं। इस वार्ड में लगी खिड़कियां टूटी हुई हैं जिससे ठंडी हवा अंदर आती है। खिड़की और दरवाजे टूटे होने की वजह से लोगों ने ठंड से बचने के लिए खिड़की पर दफ्ती और प्लाई लगा रखी है।

बेड पर मंडरा रहे कीड़े मकौड़े

नमी की वजह से कायी जम गई है। रंगाई-पुताई नहीं हुई है। यहां बेड पर कॉकरोच और कीड़े तक टहलते नजर आते हैं। वार्ड में कुत्ते और बिल्ली घुस जाते हैं। यहां की खस्ताहाल हालत से मरीज और बीमार हो रहे हैं।

शौचालय में नहीं है कुंडी

यहां के अधिकतर शौचालय बदबू और गंदगी से बिजबिजा रहे हैं। स्वाइन फ्लू वार्ड के शौचालय में तो दरवाजों में कुंडी तक नहीं है जिससे मरीज़ों को खासी दिक्क़तों का सामना करना पड़ता है। यहां पर तीमारदारों को शौचालय के बाहर पहरा देना पड़ता है।

बजट मिलने के बाद होगा नवीनीकरण

इस मामले पर बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने कहा कि अस्पताल परिसर में नए वार्ड बनाने के लिए सरकार को बजट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। बजट मिलने पर वार्ड का नवीनीकरण किया जाएगा।

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