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2020 का कोरोना आकड़ा, संक्रमण की रफ्तार रोकने में आएगा काम, जान लें ये रिपोर्ट

घरों से मास्क लगाकर निकलें एक दूसरे से न तो गले मिलें न ही हाथों से रंग लगाएं। एक निश्चित दूरी से सांकेतिक रूप से गुलाल उड़ा कर दूर से ही बधाई दें। सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि स्वास्थ्य विज्ञानियों ने होली के 15 दिन के भीतर कोरोना विस्फोट होने और बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित हो जाने की आशंका जताई है।

Newstrack
Published on: 28 March 2021 10:06 PM IST
2020 का कोरोना आकड़ा, संक्रमण की रफ्तार रोकने में आएगा काम, जान लें ये रिपोर्ट
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2020 का कोरोना आकड़ा, संक्रमण की रफ्तार रोकने में आएगा काम, जान लें ये रिपोर्ट photos (social media)

लखनऊ : शब ए बारात का पर्व और होली इस बार एक साथ पड़ रहे हैं। आज से लेकर कल तक दोनो पर्व मनाए जाएंगे। दोनो पर्व धार्मिक आस्था से जुड़े हैं। धर्मगुरुओं की अपील आ चुकी है कि लोग अपने घरों में ही रहकर इबादत करें। यही बात हिन्दुओं के लिए भी लागू होती है की कोरोना के खतरे के बीच सामाजिक दूरी का पालन करें।

होली के त्योहार में सावधानी बरतें

घरों से मास्क लगाकर निकलें एक दूसरे से न तो गले मिलें न ही हाथों से रंग लगाएं। एक निश्चित दूरी से सांकेतिक रूप से गुलाल उड़ा कर दूर से ही बधाई दें। सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि स्वास्थ्य विज्ञानियों ने होली के 15 दिन के भीतर कोरोना विस्फोट होने और बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित हो जाने की आशंका जताई है। कोरोना का नया स्ट्रेन बहुत ही खतरनाक और जानलेवा है इसलिए बचने के हरसंभव प्रयास करें।

मुस्लिम समाज का शब-ए-बरात पर्व

शब-ए-बरात मुस्लिम समाज में इबादत के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर लोग रात भर अपने घरों और मस्जिदों में इबादत करते हैं और कब्रिस्तानों में जाकर अपने और पूर्वजों के लिए अल्‍लाह से दुआ करते हैं। कोरोना के खतरे को देखते हुए धर्मगुरुओं में लोगों से घरों में रहने और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए इबादत के इस पर्व को मनाने की अपील की है।

shab e -barat

इस पर्व में इबादत करने वाले लोगों के गुनाह माफ हो जाते हैं

शब-ए-बरात को शाबान महीने की 14 वीं तारीख और 15 वीं तारीख के मध्य में मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 28 मार्च से लेकर 29 मार्च तक मनाया जा रहा है।ऐसी मान्यता है शब-ए-बरात में इबादत करने वाले लोगों के गुनाह माफ हो जाते हैं। इसी लिए इस मौके पर अल्लाह की इबादत की जाती है और अपने गुनाहों की माफी मांगी जाती है।

सरकार ने होली के जुलूस निकालने पर बरती है सख्ती

लखनऊ में मुस्लिम आबादी चूंकि बहुत ज्यादा है ऐसे में सावधानी की विशेष अपेक्षा की जाती है क्योंकि इस महामारी का संक्रमण किसी एक व्यक्ति को होने पर उसके पूरे परिवार और आसपास के सम्पर्क में आए सभी लोगों के संक्रमित होने का खतरा देता है। इसके अलावा होली पूरे देश में मनायी जाती है। सरकार ने होली के जुलूस निकालने के लिए परमीशन देने की व्यवस्था लागू की है। यानी बिना इजाजत कोई जुलूस निकल सकेगा।

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2020 होली में कोरोना के केस की संख्या थी इतनी

पिछली होली नौ और दस मार्च को थी उस समय कोरोना के आने की आहट थी लेकिन लोगों ने काफी सतर्कता बरती थी। इस बार तो होली के एक दिन पहले एक हजार से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में होली घर में रहकर मनाना ही उचित होगा। यदि होली पर जगह जगह सौ पचास लोगों की भीड़ जुटेगी तो कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाएगा और ऐसे में लोगों के उपचार में भी दिक्कत आ सकती है। हालांकि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट कर दिया है। कोविड उपचार पर सरकार का पूरा ध्यान है।

holi

उत्तर प्रदेश में पिछले साल थी कोरोना की संख्या

पिछले साल 22 मार्च को बिहार में कोरोना से पहली मौत का मामला सामने आया था। इसके साथ भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या मात्र 6 थी।उस समय पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान और ओडिशा में 31 मार्च तक पूर्ण लॉक डाउन कर दिया गया था जबकि सभी राज्यों में जनता कर्फ्यू था। 2020 में 30 मार्च को 227 लोगों में कोरोना पॉज़िटिव पाया चला था। अगर उत्तर प्रदेश में आज की स्थिति की बात करें तो यहां अब तक छह लाख 12 हजार 403 मामले मिल चुके है। आठ हजार 783 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि उत्तर प्रदेश में 2020 में जून महीने कोरोना के कुल 528 मामले थे। जबकि 11 सितंबर 2020 को संक्रमण अपने पीक पर पहुंचा था और एक दिन में सात हजार से अधिक मामले सामने आए थे।

देश में शुरू हो चुकी कोरोना की दूसरी लहर

कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है और 15 फरवरी को 58 नये मामले सामने आने के बाद से लगातार बढ़ते हुए ये मामले एक हजार से ऊपर पहुंच चुके हैं। पिछले साल सात जुलाई को एक हजार से ऊपर मामले थे। दो माह में यहा आंकड़ा सात गुना बढ़कर सात हजार के ऊपर पहुंच गया था। ऐसे में त्योहार तो हम हर साल मना सकते हैं जान है तो जहान है। सतर्क रहिये हर व्यक्ति कोविड पाजिटिव है यह मानकर दूरी बनाकर रहें। अपने परिवार को सुरक्षित रखें। हमें कोरोना की रफ्तार को बढ़ने नहीं देना है। सुरक्षित रहना है।

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रिपोर्ट : रामकृष्ण वाजपेयी

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