TRENDING TAGS :
पुलिस विभाग में विवेचना के लिए अलग से फंड पर सरकार ने दी सहमति, शासनादेश हाईकोर्ट में किया दाखिल
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि उसने आपराधिक मामलों की जांच के लिए अलग से फंड बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार ने कोर्ट के पूर्व के आदेशों के अनुपालन में इस सम्बंध में 3 जनवरी को जारी शासनादेश भी पेश किया। कोर्ट ने सरकार के इस कदम को स्वागत योग्य कदम करार दिया।
विधि संवाददाता
लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि उसने आपराधिक मामलों की जांच के लिए अलग से फंड बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सरकार ने कोर्ट के पूर्व के आदेशों के अनुपालन में इस सम्बंध में 3 जनवरी को जारी शासनादेश भी पेश किया। कोर्ट ने सरकार के इस कदम को स्वागत योग्य कदम करार दिया।
क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम के लिए 156. 96 करोड़ रुपये का इस्टीमेट गृह विभाग के द्वारा वित्त विभाग को भेजने के जानकारी भी दी गई। इस पर कोर्ट ने उम्मीद जताई कि वित्त विभाग इस सम्बंध में भी बिना किसी देरी के निर्णय लेगा।
सरकार की ओर से कोर्ट को सीसीटीएनएस की मॉनीटरिंग के लिए गठित चार कमेटियों की भी जानकारी दी गयी। बताया गया कि इस सम्बंध में स्टेट अपेक्स कमेटी, स्टेट इम्पॉवर्ड कमेटी, स्टेट मिशन टीम व डिस्ट्रिक्ट मिशन टीम का गठन किया गया है।
कोर्ट ने उक्त कमेटियों को राज्य के विधि विभाग से सहयोग की भी आवश्यकता जताते हुए स्टेट इम्पॉवर्ड कमेटी में हाईकोर्ट के कम से कम एक अपर महाधिवक्ता और दो अपर शासकीय अधिवक्ताओं तथा डिस्ट्रिक्ट मिशन टीम में जिला शासकीय अधिवक्ताओं को जोड़ने को कहा। न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद दोनों कमेटियों में उपरोक्त अधिवक्ताओं को जोड़ा जाए। मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
ये भी पढ़ें...यूपी पुलिस की इस करतूत के बारें में जान आप रह जायेंगे दंग!