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आर्थिक तंगी से जूझ रहे प्रवासी मजदूर ने उठाया खौफनाक कदम, इलाके में फैली सनसनी
अंजनी उत्तराखंड के हरिद्वार में निजी कम्पनी में मजदूर का कार्य करता था। लाकडाउन के बाद वह पन्द्रह दिन पूर्व गांव आया था। गांव आने के बाद से क्वारंटाइन था
बलिया: प्रवासी लोगों के लिए जीवनयापन बेहद कठिन हो गया है। रोजगार के अभाव में प्रवासी मजदूर तनाव ग्रस्त होकर मौत को गले लगा रहे हैं। उत्तराखंड से पिछले दिनों आए एक प्रवासी मजदूर ने आर्थिक तंगी के बाद खौफनाक कदम उठा लिया। उसके आत्महत्या करने के मामले ने जिला प्रशासन के रोजगार देने के दावे की कलई खोलकर रख दी है।
पेड़ में फांसी लगाकर की आत्महत्या
जिला प्रशासन ने आज दावा किया कि जिले में मनरेगा रोजगार का बड़ा जरिया बनकर उभरा है। जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने दावा किया कि अब तक 70 हजार लोगों को रोजगार दे दिया गया है। वह यह बताने से भी नहीं चुके कि रोजगार प्राप्त करने वालों में प्रवासी मजदूरों की तादात ज्यादा है। जिला प्रशासन के इस दावा के मध्य बैरिया क्षेत्र से एक प्रवासी मजदूर के आत्महत्या की सूचना आ रही है। जानकारी के अनुसार बैरिया थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 बैरिया- मांझी मार्ग पर स्थित बलराम सिंह के डेरा के समीप रोड से सटे पकड़ी के वृक्ष में एक युवक ने फांसी लगा कर अपनी इह लीला समाप्त कर ली।
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खेत में काम कर रहे मजदूरों ने इसे देखा और शोर गुल किया तो आसपास के लोगों सहित राहगीरों की भीड़ देखने के लिए उमड़ पड़ी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। पेड़ पर लटकते युवक को देखकर खेत मे काम कर रहे मजदूरो ने देखा और यह बात क्षेत्र में आग की तरह फैल गयी। आसपास के कई गांवो के सैकड़ों लोग एकत्रित हो गए। सूचना मिलने पर युवक के परिजन भी पहुंचे तथा शव की शिनाख्त अंजनी के रूप में की।
आर्थिक तंगी के चलते उठाया खौफ़नाक क़दम
अंजनी उत्तराखंड के हरिद्वार में निजी कम्पनी में मजदूर का कार्य करता था। लाकडाउन के बाद वह पन्द्रह दिन पूर्व गांव आया था। गांव आने के बाद बचाव के लिए वह एकांतवास पर ही रहा। गांव आने के बाद आर्थिक तंगी से वह पूरी तरह टूट चुका था। गांव में भी उसे कोई रोजगार नहीं मिला। इसको लेकर गृह कलह शुरू हो गया। इसके बाद अंजनी ने खौफनाक कदम उठाते हुए अपनी इह लीला ही समाप्त कर ली।
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घटना के बाद परिजनों का बुरा हाल हो गया है। मृतक की मां चम्पा देवी व पत्नी सुनीता देवी दहाड़े मारकर रोते हुए बेसुध हो जा रही हैं। मृतक के दो पुत्र अभिषेक 15 वर्ष व विवेक 14 वर्ष का भी रोते बिलखते बुरा हाल हो गया है। अंजनी के आत्महत्या करने की घटना ने झकझोर करके रख दिया है। इस घटना ने जिला प्रशासन को आइना दिखा दिया है कि रोजगार देने के उसके दावे की जमीनी हकीकत क्या है।
रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर