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Sonbhadra News: बेदखल नहीं किए जाएंगे रेलवे जमीन के कब्जेदार, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Sonbhadra News: जिले की अनपरा नगर पंचायत में रेलवे की जमीनों पर काबिज एक बड़ी आबादी के बेदखली को लेकर चल रही कार्रवाई पर हाईकोर्ट (High Court) ने रोक लगा दी है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 28 Jun 2022 2:00 PM GMT
The occupiers of railway land will not be evicted in Sonbhadra, the High Court has banned
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सोनभद्र: Photo - Social Media

Sonbhadra News: जिले की अनपरा नगर पंचायत में रेलवे की जमीनों (railway lands) पर काबिज एक बड़ी आबादी के बेदखली को लेकर चल रही कार्रवाई पर हाईकोर्ट (High Court) ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह निर्णय बगैर विस्थापन लाभ के, की जा रही कार्रवाई की दलील को ध्यान में रखते हुए दिया है। मामले में पक्षकारों से चार सप्ताह के भीतर, दाखिल की गई याचिका के परिप्रेक्ष्य में इंस्ट्रक्शन और पैरावाइज जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। प्रकरण की अगली सुनवाई तीन अगस्त को की जाएगी।

परशुराम सहित 37 लोगों की तरफ से हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि अनपरा नगर पंचायत क्षेत्र के दायरे में आने वाले औड़ी की लगभग 193 हेक्टेयर और अनपरा (औराडांड, बजरंग नगर) की लगभग 45 हेक्टेयर भूमि को रेलवे द्वारा वर्ष 1982 से 84 के मध्य अधिग्रहित बताते हुए उस पर निवासरत् व काबिज लोगो को नोटिस जारी कर व सूचना जारी कर हटाने की प्रक्रिया की जा रही थी तथा राजस्व अभिलेखो मे दर्ज भूमि स्वामियो की भूमि पर बगैर प्रतिकर व पुर्नवास लाभ दिये काम किया जा रहा था पर रोक लगाते हुये आवश्यक अभिलेखो के साथ न्यायालय मे अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

रेलवे द्वारा ग्रामः-औडी की जिस 193 हेक्टेयर व अनपरा(औराडांड, बजरंग नगर) कि जिस 45 हेक्टेयर भूमि पर अपना दावा किया जा रहा था उसमे से लगभग 50 हेक्टेयर भूमि वर्तमान मे राजस्व अभिलेखो में किसानों के नाम दर्ज है तथा अन्य भूमियो पर बडी संख्या मे आम आबादी(जनसंख्या) निवासरत् है व राजस्व अभिलेखो मे वर्तमान मे भूमि स्वामी के रुप मे दर्ज किसानो तथा निवासरत् आबादी के मकान का बगैर प्रतिकर एवं पुर्नवास पुर्नव्यवस्थापन लाभ दिये रेलवे विभाग द्वारा काम किया जा रहा था व मकान तोडे जा रहे थे।



मामले की पैरवी कर रहे पंकज मिश्रा ने बताया कि रेलवे द्वारा केवल राजस्व नक्शे मे रेलवे विभाग के पक्ष मे भूमि सीमांकित होने के आधार पर औडी व अनपरा की उक्त भूमियो को तथाकथित रुप से रेलवे विभाग हेतु अधिग्रहित बताते हुये उन पर निवासरत् आबादी जिनके नाम भूमि नही है व जिन किसानो का नाम वर्तमान मे राजस्व अभिलेखो मे दर्ज उन्हे भी प्रतिकर व पुर्नवास लाभ दिये बेदखली की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी थी जिसके विरुध्द माननीय उच्च न्यायालय मे याचिका दाखिल की गयी थी जिस पर सूनवाई के दरम्यान माननीय न्यायालय ने रेलवे विभाग को भूमि के स्वामित्व सम्बन्धित आवश्यक अभिलेखो के साथ प्रयागराज उच्च न्यायालय मे पक्ष रखने तथा तब औडी व अनपरा कि संदर्भित भूमियो पर रेलवे विभाग को किसी भी प्रकार की बेदखली की कार्यवाही किये जाने पर रोक लगा दी है।

श्री मिश्रा ने अनपरा नगर पंचायत परिक्षेत्र मे विभिन्न परियोजनायो द्वारा किये जा रहे बेदखली के प्रचार-प्रसार से भयाक्रांत बडी आबादी के लिये इसे एक बडी जीत बताया है तथा कहां है कि अन्य परियोजनायो के बेदखली की कार्यवाही को भी चुनौती देकर आम जन के सम्पत्ति/मकानो कि रक्षा सुनिश्चित की जायेगी। हाईकोर्ट प्रयागराज मे सूनवाई के दरम्यान वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व अभिषेक चौबे ने बेदखली के कार्यवाही से जुझ रहे किसानो/व्यक्तियो का पक्ष रखा जिसके उपरान्त न्यायालय ने प्रकरण की गम्भीरता को समझते हुये यह आदेश दिया।

Shashi kant gautam

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