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सोनभद्र में खनन पर लगी रोक हटी, इन शर्तों का करना होगा पालन
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोनभद्र जिले में खनन पर लगी रोक हटा ली है और प्राइवेट ठेकेदारों को पट्टे की शर्ताें के अनुसार खनन करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने ठेकेदारों से कहा है कि वह खनन का ब्यौरा रखे।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोनभद्र जिले में खनन पर लगी रोक हटा ली है और प्राइवेट ठेकेदारों को पट्टे की शर्ताें के अनुसार खनन करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने ठेकेदारों से कहा है कि वह खनन का ब्यौरा रखे तथा प्रतिमाह राॅयल्टी का भुगतान करते रहे और डायरेक्टर खनन के समक्ष रिटर्न हर माह दाखिल करे। कोर्ट ने ई-टेण्डर की नीति के खिलाफ बिना ई-टेण्डर के खनन पट्टा देने की वैधता पर राज्य सरकार व डायरेक्टर खनन से जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस.एस.शमशेरी की खण्डपीठ ने आल इण्डिया कैमूल पीपुल्स फ्रंट की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में राज्य सरकार की ई-टेण्डर से खनन पट्टा नीति का उल्लंघन कर सोनभद्र के जिलाधिकारी द्वारा खनन पट्टा देने की वैधता को चुनौती दी गयी है।
कैमूर घाटी में अवैध खनन पट्टों पर कोर्ट ने मई 2017 में रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा कि याची का कहना है कि इससे राजस्व की क्षति हुई है और खनन पर रोक से भी राजस्व का नुकसान होगा। ऐसे में खनन पर रोक जारी रखने का औचित्य नहीं है। इससे सरकार को नुकसान हो रहा है। कोर्ट ने यह आदेश मूल पत्रावली देखने के बाद दिया। सरकार ने बिना ई-टेण्डर के पट्टा देने पर कोई जवाब नहीं दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा विचारणीय है। सरकार अपना जवाब दाखिल करे।
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