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 ये ऐप जो बतायेगा आपके बच्चों का स्वास्थ्य

उसके किस विटामिन की कमी है क्या बीमारी है। यह ऐसा एप है जो 38 बीमारियों का पता कर लेता है। प्रदेश में पोषण माह के पहले पखवाड़े (1 से 15 सितंबर) में आरबीएसके एप के जरिये 8405 बच्चे संदर्भित किए गए हैं। इसमें अधिकांश बच्चों में विटामिन ए की कमी पाई गई है। जबकि कुछ बच्चों में

Harsh Pandey
Published on: 21 May 2023 1:14 PM GMT
 ये ऐप जो बतायेगा आपके बच्चों का स्वास्थ्य
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लखनऊ: आधुनिकीकरण के दौर है। सबकुछ मशिनो पर निर्भर हो गया। अब एक ऐसा एप आ गया है जो यह बताता है कि इस बच्चें का स्वास्थ्य का क्या हाल है।

उसके किस विटामिन की कमी है क्या बीमारी है। यह ऐसा एप है जो 38 बीमारियों का पता कर लेता है। प्रदेश में पोषण माह के पहले पखवाड़े (1 से 15 सितंबर) में आरबीएसके एप के जरिये 8405 बच्चे संदर्भित किए गए हैं। इसमें अधिकांश बच्चों में विटामिन ए की कमी पाई गई है। जबकि कुछ बच्चों में विटामिन ए, खून और विटामिन डी की कमी पाई गई है।

महाप्रबंधक आरबीएसके डॉ0 मनोज शुकुल ने बताया कि एक से 15 सितम्बर तक पोषण संबंधी बीमारियों से ग्रसित बच्चों में 4953 बच्चे विटामिन ए की कमी (बिटोट स्पॉट) से ग्रस्त मिले।

जबकि 1822 बच्चों में गंभीर खून की कमी पाई गई। पूरे यूपी में 1052 बच्चे अति कुपोषित मिले, जबकि 364 बच्चे विटामिन डी की कमी रिकेट्स से ग्रस्त पाये गए। इसी तरह 183 बच्चे बहुत दुबले और 31 बच्चे मोटापे से ग्रस्त पाये गए। इन सभी बच्चों की स्क्रीनिंग कर तत्काल उन्हें संदर्भित कर दिया गया है।

महाप्रबंधक आरबीएसके ने बताया...

महाप्रबंधक आरबीएसके डॉक्टर मनोज शुकुल ने बताया कि एप शुरू होने से बच्चों की समस्याओं की स्क्रीनिंग और रेफरल प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। इस एप के जरिये 38 प्रकार की जन्मजात बीमारियों की स्क्रीनिंग और रेफरल किया जाता है।

जल्द ही आरबीएसके टीम बच्चों में टीबी और कुष्ठ रोग की भी स्क्रीनिंग करेगी। उन्होने बताया कि लक्षण मिलने पर बच्चों का पहले सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क इलाज किया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर उनको राज्यस्तरीय अस्पतालों में भी रेफर किया जाता है।

ज्ञात हो कि आरबीएसके के तहत बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी करने के उद्देश्य से मई में परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग एप लांच किया गया था। इससे बच्चों की स्क्रीनिंग और रेफेरल बहुत आसान हो गई है।

आरबीएसके टीम अपने आने की सूचना दो दिन पहले प्रधानाध्यापक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को देती हैं। फिर बच्चे की फोटो के साथ दौरे की पूरी रिपोर्ट इस एप पर अपलोड की जाती है।

जो कि जिला प्रशासन भी देख सकता है। इस एप में दर्ज बच्चों का लगातार फॉलोअप किया जाता है। एप में कुल 38 बीमारियों का विवरण दर्ज है। बच्चा किन-किन बीमारियों से ग्रस्त हैं, इसका विवरण एप में दर्ज होता है।

Harsh Pandey

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