Lucknow News: यूपी से लक्जरी गाडियां चुराता था बिहार का शातिर, एसटीएफ ने तीन को किया गिरफ्तार

Lucknow News: यूपी से लक्जरी गाडियां चुराने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए एसटीएफ ने तीन शातिरों को बुधवार रात गिरफ्तार किया।

Sunil Mishraa
Published on: 18 Jan 2023 5:51 PM GMT
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 लखनऊ: यूपी से लक्जरी गाडियां चुराता था बिहार का शातिर चोर, एसटीएफ ने तीन को किया गिरफ्तार

Lucknow News: यूपी से लक्जरी गाडियां चुराने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए एसटीएफ ने तीन शातिरों को बुधवार रात गिरफ्तार किया। गैंग का सरगना प्रमोद चौधरी बिहार के भभुआ का का रहने वाला है। आरोपियों के पास से गाडियां चुराने में प्रयोग होने वाले औजार और चोरी की एक एसयूवी कार बरामद हुई है।

एएसपी एसटीएफ सत्यसेन यादव ने बताया की चंदौली निवासी अमन गोंड, बिहार के भभुआ निवासी प्रमोद चौधरी रोहतास निवासी रंजन श्रीवास्तव और पटेल नगर दिल्ली निवासी आदित्य सिंह को गिरफ्तार किया गया है। चारो वाहन चोरी की फिराक में सुशांत गोल्फ सिटी थानाक्षेत्र में अहिमामऊ चौराहे के पास खड़े थे। जानकारी मिलते ही इन्हे दबोच लिया गया।

प्रयागराज पुलिस ने पकड़ने के घोषित किया था 25 हजार का इनाम

एएसपी ने बताया की गैंग के सरगना प्रमोद ने प्रयागराज से गाडियां चुराई थी। वहां की पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। पूछताछ में प्रमोद ने बताया की मेरे 2 साथी आदित्य और अमन जल्दी ही जेल से बाहर आए हैं। दोनो ने अपने साथी रंजन श्रीवास्तव के साथ गाड़ी चोरी की योजना बनायी थी। इसके लिए हमने फरीदाबाद से गाड़ी चोरी में प्रयोग होने वाले औजार खरीदे थे। इसके लिए हमारे साथी अभिषेक दूबे उर्फ राजा ने एक लाख रूपये दिए थे। एवज में तय था की गाड़ी बेचकर जो फायदा होगा उसमे अभिषेक को हिस्सा मिलेगा।

Olx पर दिखने वाली गाड़ियों के नंबर लगाकर बेचते थे चोरी के वाहन

प्रमोद ने बताया की रंजन एक्सयूीव गाड़ी से चन्दौली से अपने मौसेरे भाई रितिक के साथ चार गाड़ियों के फर्जी नम्बर प्लेट लेकर लखनऊ आया था। उधर हम लोग भी फरीदाबाद से लखनऊ आ गये थे। यहॉ रैकी कर गाड़ियों की चोरी करने की फिराक में थे। चोरी की गयी गाड़ियों में ओएलएक्स पर बिक्री के लिए दिखने वाली गाड़ियों के नंबर प्लेट लगाकर बिहार लेकर जाकर बेचते थे। चोरी करने के लिए एलएनकी से दबाकर गेट खोल लेते थे। इसके बाद मैगेनेट को गाडी के स्टैयरिंग मे आगे लगाते थे जिससे स्टैयरिंग फ्री हो जाता था। दूसरे एलएनकी से चाभी बनाकर गाड़ी लेकर भाग जाते थे। इसके बाद सूनसान जगह पर जाकर नम्बर प्लेट को बदल देते थे।

Shashi kant gautam

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