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Lucknow University: 'तृतीय राष्ट्रीय समाज कार्य सप्ताह' का तीसरा दिन, परिवार नियोजन व जनसंख्या नीति पर हुई चर्चा
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के समाज कार्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 15-21 अगस्त के बीच 'तृतीय राष्ट्रीय समाज कार्य सप्ताह' का आयोजन हो रहा।
Lucknow: नेशनल एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल सोशल वर्कर्स इन इंडिया (National Association of Professional Social Workers in India) एवं लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के समाज कार्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 15-21 अगस्त के बीच 'तृतीय राष्ट्रीय समाज कार्य सप्ताह' का आयोजन हो रहा। जिसका मुख्य विषय 'समाज कार्य शिक्षा एवं व्यवसाय @2030' है। समाज कार्य सप्ताह के तृतीय दिन यानी बुधवार को एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार (webinar) का मुख्य विषय 'परिवार नियोजन और जनसंख्या गतिकी में सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका' रहा, जिसमें इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने निर्धारित विषय पर अपनी जानकारी कार्यक्रम में जुड़े लोगों से साझा की।
'परिवार नियोजन और जनसंख्या गतिकी में सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका'
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनूप कुमार भारतीय ने इस आयोजन की रूपरेखा बताते हुए अतिथि वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का औपचारिक स्वागत किया। कार्यशाला समन्वयक डॉ. गरिमा सिंह ने मुख्य विषय पर प्रकाश डालते हुए समाज कार्य, जनसंख्या अध्ययन और जनसंख्या गतिकी में समाज कार्यकर्ता की भूमिका का संक्षिप्त विवरण दिया।
परिवार नियोजन में समाज कार्य की अहम भागीदारी
वेबिनार में अतिथि वक्ता रतना खरे, जो की सामाजिक परामर्श सेवा ( SCS) में वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर कार्यशील हैं। रतना ने कार्यशाला का आरंभ अपने अनुभवों को साझा करते हुए किया। उन्होंने बताया कि कैसे परिवार नियोजन केवल एक परिवार तक ही नहीं सीमित है और इसका असर ना केवल एक समुदाय बल्कि पूरे देश पर दिखाई देता है।
इसी क्रम में आगे बात करते हुए रतना ने परिवार नियोजन में समाज कार्य की अहम भूमिका पर भी व्याख्या की, कि कैसे एक सामाजिक कार्यकर्ता ने परिवार नियोजन जैसे विषय को ग्रामीण परिवेश के लोगों तक सफलतापूर्वक पहुँचाया है।
जनसंख्या नीति में समाज कार्य की भूमिका अहम
कार्यक्रम में अन्य अतिथि वक्ता राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर महेश नाथ सिंह रहें, जिन्होंने समाज कार्य एवं जनसंख्या गतिकी के आपसी संबंध पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जनसंख्या नीति के प्रथम चरण से अंतिम चरण तक समाज कार्य एक प्रमुख भूमिका अदा करता है।
इस विषय पर व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया की यदि प्रत्येक अपनी ज़िम्मेदारियों को समझे और मौजूदा संसाधनों का उचित रूप से उपयोग करे, तो हम इस बढ़ती जनसंख्या जैसी आपदा से बच सकते है। अंत में उन्होंने महिलाओं की शिक्षा को एक मुख्य कारण बताया, जिससे बढ़ते जन्म दर को कम किया जा सकता हैं।