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तो ये है कारण, दो महीने नहीं बन पायेगा ड्राइविंग लाइसेंस

एआरटीओ प्रशासन संजय तिवारी ने गुरूवार को बताया कि नए मोटर वाहन कानून के लागू होने के बाद से लखनऊ में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कई गुना बढ़ गए हैं। इसलिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए दो महीने तक के सभी टाइम स्लॉट बुक हो गए हैं।

Harsh Pandey
Published on: 20 April 2023 6:48 PM GMT
तो ये है कारण, दो महीने नहीं बन पायेगा ड्राइविंग लाइसेंस
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लखनऊ: नए मोटर वाहन कानून आने के बाद राजधानी लखनऊ में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने वालों की भीड़ अचानक बहुत बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए दो महीने तक सभी टाइम स्लॉट बुक हो गए हैं।

एआरटीओ प्रशासन के मुताबिक...

एआरटीओ प्रशासन संजय तिवारी ने गुरूवार को बताया कि नए मोटर वाहन कानून के लागू होने के बाद से लखनऊ में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कई गुना बढ़ गए हैं। इसलिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए दो महीने तक के सभी टाइम स्लॉट बुक हो गए हैं।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आरटीओ ऑफिस में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए करीब पांच हजार लोगों को वेटिंग पर रखा गया है। रोजाना करीब 300 से 400 लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लखनऊ के आरटीओ ऑफिस पहुंच रहे हैं।

इसमें 200 लोग लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए और 100 लोग स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए फॉर्म भरकर आ रहे हैं। ऐसे लोगों को लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की परीक्षा के लिए दो महीने के बाद का समय दिया रहा है।

उधर, नए ट्रैफिक नियम के तहत जुर्माने से बचने के लिए लखनऊ में प्रदूषण जांच केंद्रो पर भी भीड़ उमड़ रही है। जहां पहले 100 लोगों का रोज आना मुश्किल था। अब करीब 300 से 400 लोग रोज आ रहे हैं।

साथ ही साथ उन्होंने बताया कि करीब पंद्रह हजार से अधिक लोग लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की परीक्षा के लिए वेटिंग में हैं।

वहीं, स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस की बॉयोमीट्रिक प्रक्रिया के लिए भी लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। परिवहन विभाग में लोग जल्द स्लॉट मिलने के लिए निवेदन कर रहे हैं लेकिन भीड़ के कारण यह संभव नहीं हो रहा है।

परिवहन अधिकारियों ने बताया...

परिवहन अधिकारियों ने बताया कि लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस छह महीने तक मान्य होता है, इसके बाद स्थायी डीएल बनवाना अनिवार्य है। स्थायी ड्राइविंग टेस्ट के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

बताते चलें कि पहले ज्यादातर लोगों का एक दिन में ही टेस्ट ले लिया जाता था लेकिन अब ज्यादा आवेदक होने के कारण तीन से चार दिन बाद बुलाया जा रहा है। ड्राइविंग टेस्ट में पास होने के बाद लखनऊ से ड्राइविंग लाइसेंस आवेदक के घर पहुंचता है।

स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए परिवहन विभाग के पीछे स्थित खाली मैदान में आवेदक से वाहन चलवाकर ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है। आवेदन बढ़ने के चलते वाहन चालकों को चार दिन बाद बुलाया जा रहा है। पहले एक ही दिन में काम हो जाता था।

Harsh Pandey

Harsh Pandey

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