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No Sweet Mango this summer: इस बार आम होगा बेहद खास, किसानों के लिए मुसीबत बनी हीटवेब

Mango Price Hike: गर्मी की हीट वेब के बाद लखनऊ की फलपट्टी मलीहाबाद के आम किसानों पर भी कहर बन कर टूटी है। इसके कारण आम की पैदावार में कमी आई है, जिससे आम के भाव बढ़ने की संभावना है।

Rishi Bharadwaj
Newstrack Rishi BharadwajPublished By Deepak Kumar
Published on: 10 May 2022 11:26 AM GMT
price of mango will be higher
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 आम होगा बेहद खास।

Mango Price Hike: इस बार मार्च अप्रैल में पड़ी प्रचंड गर्मी ने न सिर्फ सदी का रिकार्ड तोडा बल्कि लखनऊ की फलपट्टी मलीहाबाद के आम किसानों पर भी कहर बन कर टूटी है। दो महीने पहले जब इन पेड़ों पर बौर आए तो किसानों के चेहरे चमक उठे थे कि कोरोना काल के बाद इसबार उनका माल बाहर जाएगा और उनको फसल का अच्छा पैसा मिलेगा। लेकिन हीट वेब ने सब बर्बाद कर दिया।

राम पाल का मलीहाबाद में काफी बड़ा बाग है। उन्होंने बताया कि इस बार बौर काफी अच्छा आया था। हमें उम्मीद थी कि फल भी अच्छा आयेगा। लेकिन बेजा समय पड़ी गर्मी से बौर काफी सूख के झड़ गया। उन्होंने बताया कि 5 बीघे के बाग में 45 से 50 हजार का खर्च आता है। इसबार लागत बढ़ गई। कीटनाशक महंगे हैं। गर्मी अधिक पड़ने की वजह से जल्दी जल्दी सिचाई करनी पड़ रही। बिजली भी नखरे दिखा रही है। पिछली बार 200 कैरेट बढ़िया आम निकला था। लेकिन इसबार तो लगता है 50 से 60 कैरेट आम भी मुश्किल से होगा (एक कैरेट में 20 से 25 किलो आम आता है।


पैदावार कम होने के कारण 100 से 150 रुपये तक बिकेगा आम

आम उत्पादक मनीष ने बताया कि इस बार सर्दी लम्बी पड़ी जिससे बौर आने में समय लगा। वहीँ रिकार्ड तोड़ गर्मी ने बौर को झुलसा दिया। बौर रोकने के लिए आवश्यक कीटनाशक दवाओं का भी प्रयोग इस बार नहीं हुआ क्योंकि ये दवा भी गर्मी पैदा करती हैं। ऐसे में कीट ने भी बौर को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने बताया कि इसबार आम की पैदावार कम होने के कारण थोक में जहां ये 50 से 60 रु किलो बिकेगा वहीँ खुदरा मूल्य 100 से 150 तक हो सकता है। मनीष कहते हैं अभी भी खतरा टला नहीं यदि बाग़ में नमी अच्छे से नहीं होगी तो बची हुई फसल को भी नुकसान होगा।

आढ़ती बिलाल कहते हैं किसानों को तो इस फसल से नुकसान होगा। लेकिन जो बड़े स्तर पर आम का कारोबार कर रहे हैं उनको मुनाफा ही होगा। बीते दो सालों से आम ज्यादा बाहर नहीं जा सका। लेकिन इस बार कोई ऐसी पाबंदी नहीं तो आम कारोबारी बिना चिंता के आम बाहर भेजेंगे और बड़ा मुनाफा कमाएंगे। नुकसान तो किसान का ही होगा।

कृषि विज्ञान केंद्र लखनऊ के चीफ अखिलेश कुमार दुबे ने हमें बताया कि वैसे भी इस बार आम का ऑफ था। और बाकी कसर इस हीट बेव ने पूरी कर दी। इससे लखनऊ में आम के उत्पादन में 30 से 40 फीसदी की गिरावट होगी उन्होंने बताया, जिस वर्ष आम के पेड़ में नई पत्ती आती हैं उस वर्ष फसल कम होती है। और इस बार आम के पेड़ में नई पत्तियां आई हैं इसलिए फसल कम होनी थी लेकिन हीटवेब ने नुकसान बढ़ा दिया है।

सबसे बड़ा निर्यातक है देश

  • 2019-20 की बात करें तो देश में आम का कुल उत्पादन 20.26 मिलियन टन था।
  • 1,000 तरह के आम भारत में होते हैं। जिनमे से 30 निर्यात होते हैं।
  • 2019-20 में भारत ने 46,789.60 टन का आम निर्यात किया था।
  • यूपी आम के उत्पादन में पहले स्थान पर है, जबकि दूसरे आंध्र प्रदेश, तीसरे तेलंगाना, चौथे कर्नाटक और बिहार पांचवे स्थान पर हैं।

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Deepak Kumar

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