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Year Ender 2022: यह वर्ष रहा यूपी विधान सभा के लिए ऐतिहासिक, महिला विधायकों के नाम रहा एक दिन

Year Ender 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा में 22 सितंबर 2022 का दिन बेहद खास रहा। ये दिन नारी शक्ति के नाम रहा। सदन के भीतर 'आधी आबादी' ने पुरजोर आवाज बुलंद की।

Jugul Kishor
Published on: 18 Dec 2022 7:44 AM IST (Updated on: 18 Dec 2022 4:15 PM IST)
UP Legislative Assembly
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विधानसभा में महिला विधायकों ने बुलंद की आवाज

Year Ender 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा में 22 सितंबर 2022 का दिन बेहद खास रहा। ये दिन नारी शक्ति के नाम रहा। सदन के भीतर 'आधी आबादी' ने पुरजोर आवाज बुलंद की। पक्ष और विपक्ष की महिला विधायकों ने पूरी दम-खम के साथ में विधानसभा के अंदर महिलाओं के मुद्दों को उठाया। यूपी की विधानसभा के अंदर 18वीं विधानसभा में जो इतिहास दर्ज किया गया उसका समूचे देश में इससे पूर्व कोई उदाहरण नहीं मौजूद है। सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष की महिला सदस्यों ने भागीदारी की और महिला हितों पर गहन विचार विमर्श हुआ। विधानसभा में केवल महिलाओं से जुड़े मुद्दो की गूंज रही। आमतौर पर सरकार की पहल का विरोध करने वाला विपक्ष भी सीएम योगी की इस सोंच को लेकर सकारात्मक रहा था।

सदन में महिला विधायकों ने अपने मन की कही, उनकी पक्ष और विपक्ष सबने सुनी। महिलाओं के हौंसलों की सभी विधायकों ने सराहना की। अच्छी बात ये रही कि इस विमर्श में सीएम योगी आदित्याथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। महिला विधायकों ने ये इतिहास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना की पहल पर रचा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महर्षि वेदव्यास के श्लोक को सुनाते हुए सदन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मां के समान कोई छाया नहीं, कोई सहारा नहीं, कोई रक्षक नहीं, मां के समान कोई प्रिय भी नहीं है। मातृ शक्ति का यह भाव अगर हर नागरिक के मन में आ जाए, तो कुछ भी असंभव नहीं।

सीएम योगी के बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने महिलाओं को आगे बढ़ाने की इस कोशिश का दिल से स्वागत किया। अखिलेश ने कहा सत्ता और विपक्ष मिलकर महिलाओं के मुद्दे पर काम करे और योजनाओं का उन्हे लाभ कैसे मिले इस पर ध्यान देना होगा। उन्होने कहा कि महिलाओं के बारे में चर्चा करें तो बहुत समय बीत जाएगा। महिलाओं के साथ में जो कुछ भी हो रहा है वो सभ्य समाज का हिस्सा नहीं है। आज सरकार का विरोध नहीं कर रहा हूं, कुछ ऐसी जगहें हैं जहां के नाम ले लें तो घटना याद आ जाती है। जिसका जीता जागता उदाहरण हाथरस जैसी घटनाएं है। हम सबको इस बारे में मिलकर सोंचना होगा।

सालों तक गूंजेगी महिला विधायकों की आवाज

विधायक अनुपमा जायसवाल ने कहा कि हम हारे नहीं हैं, कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए। उन्होंने कहा कि वैसे तो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बहुत सारे क्षेत्रों में नंबर वन बनने के कीर्तिमान स्थापित किये गये है, लेकिन आज महिला सशक्तिकरण और महिला विधायकों के सम्मान में विशेष सत्र के आयोजन में नंबर वन बनना, पूरे देश में पहली बार होने जा रहा है। यह बाकी प्रदेशों के लिए एक मिशाल बनेगा और यहां से जो गूंज आज जाएगी उसकी धमक सालों-साल तक याद की जाएगी। जिसके लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना बधाई के पात्र हैं।

विधायक अनुपमा जायसवाल

महिला विधायकों ने सदन के अंदर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के प्रयास से आज का बीतता हुआ एक-एक पल बहुत ही सुदंर और स्वर्णिम इतिहास बनने की ओर है। उन्होंने कहा कि आज कोई महिला दिवस नहीं था कि महिलाओं के विषय में बात करना जरूरी है, लेकिन फिर भी हम महिला सदस्यों के प्रति आपकी और पूरे सदन की संवेदनशीलता ने यह तय कर दिया है कि आगे चलकर यह यहीं समाप्त नहीं होगा। यह 22 सितंबर का दिन हर वर्ष महिला सशक्तिकरण के उन्नयन के रूप में भी जाना जाएगा।

नेतृत्व का कोई जेंडर नहीं होता - सपा विधायक डॉ. रागिनी

समाजवादी पार्टी से विधायक डॉ. रागिनी से विधानसभा के अंदर शायराना अंदाज में कहा कि दिन की रोशनी ख्वाबों को बनाने में गुजर गई, रात की नींद बच्चों को सुलाने में गुजर गई, जिस घर में मेरे नाम की तख्ती भी नहीं, सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई। विधायक रागिनी ने आगे कहा कि आजादी के 75 सालों में पहली बार देश की सबसे बड़ी विधानसभा उत्तर प्रदेश में सिर्फ महिला विधायकों को बोलने का मौका दिया गया। इस पहल के लिए मैं धन्यवाद देती हूं। कहीं भी नेतृत्व का कोई जेंडर नहीं होता है। नेतृत्व की एक सोच, एक विचार और एक विचार धारा होती है जिससे आप खुद लोगों से जोड़ने का काम करते हैं। राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि देश का विकास तभी होगा जब देश के अंदर नारी का विकास होगा। देश की राजनीति में केवल 9 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। वहीं विकसित देशों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 30 प्रतिशत है। हम लोगों को भी इस पर विचार करने की जरुरत है। उन्होने कहा कि मैं सदन के माध्यम से आग्रह करना चाहती हूं कि महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में आरक्षण दिया जाना चाहिए।

सपा विधायक डॉ. रागिनी

मैं ऐसी पार्टी से चुनकर आयी जिसका संचालन खुद महिला करतीं हैं

भाजपा विधायक विधायक अर्चना पांडेय ने विधानसभा के अंदर कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी और सुरक्षा देने के लिए सीएम योगी के निर्देश में मिशन शक्ति का अभियान चलाया जा रहा है। ये पहला ऐसा कार्यक्रम है जो मिशन और आपरेशन के दोनो रुप में है। मिशन शक्ति अभियान का मुख्य काम महिलाओं का उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। इस दौरान उन्होने सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं को गिनाते हुए विपक्ष पर भी हमला बोला।

कायमगंज विधानसभा 192 से भाजपा अपना दल (एस) गठबंधन की विधायक डॉ. सुरभि ने कहा कि मैं ऐसी पार्टी से चुनकर यहां आई हूं जिसका संचालन एक महिला करती हैं। मैं उनका आभार व्यक्त करती हूं। उन्होने कहा कि किसी भी राष्ट्र का विकास इस बात पर निर्भर करता है उसकी आधी आबादी को सभी क्षेत्रों में बराबर हक अधिकार मिल रहे हैं कि नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्याथ के नेतृत्व में देश में महिला सशक्तिकरण का स्वर्णिम इतिहास लिखा जा रहा है। हाथरस सदर से भाजपा विधायक अंजुला सिंह माहौर ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के मानसून सत्र ने देश ही नहीं दुनिया का भी मानसून बदला है। उन्होने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष का जो रवैया है कि सिर्फ विरोध करना है, इसीलिए उनके पक्ष में जनादेश नहीं आया है। इसके अलावा विधायक सैयदा खातून, डॉ. मंजू श्रीवास्तव, ऊषा, मनीषा अनुरागी, मुक्ता संजीव राजा, मीनाक्षी सिंह, पूजा पाल समेत सभी महिला विधायकों ने विधानसभा के अंदर अपनी बात रखी।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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