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Prayagraj: एमएनएनआईटी में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, भारत समेत कई देशों के प्रोफेसर हुए शामिल

Prayagraj: प्रयागराज का एमएनएनआईटी कॉलेज में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज हुआ है। इसमें भारत समेत ईरान, इटली, मलेशिया, यूके समेत कई देशों के प्रोफेसर हिस्सा ले रहे हैं।

Syed Raza
Report Syed RazaPublished By Shashi kant gautam
Published on: 14 April 2022 7:32 PM IST
Prayagraj: Three-day international conference started in MNNIT, professors from many countries including India attended
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प्रयागराज: एमएनएनआईटी कॉलेज में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आगाज

Prayagraj News Today: प्रयागराज का एमएनएनआईटी कॉलेज (MNNIT College) एक बार सुर्खियों में है। इस बार मानव जीवन को कैसे और बेहतर और सरल बनाया जाए इसके लिए संस्थान में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज हुआ है। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत समेत ईरान, इटली, मलेशिया, यूके समेत कई देशों के प्रोफेसर हिस्सा ले रहे हैं।

आज मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Motilal Nehru National Institute of Technology) प्रयागराज के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग एवं स्कूल ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग और यू एस एम मलेशिया के संयुक्त तत्वाधान में संस्थान के अधिशासी विकास केंद्र में तीन दिवसीय "स्थिरता के लिए तकनीकी हस्तक्षेप " विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 'CHEM-CONFLUX22' का आगाज संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर एस वर्मा ने दीप प्रज्वलित करके किया।

जीवन की गुणवत्ता में सुधार का प्रयास

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर एस वर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की स्थिरता की दिशा में काम करके जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है और भविष्य के लिए ऐसी तकनीक का आविष्कार करें जिससे पानी के अस्तित्व को बचाया जा सके अर्थात हमें ऐसी तकनीक इजाद करने की जरूरत है जो मानव जीवन को सरल एवं स्थायित्व प्रदान करें समाज के बदलते हुए परिवेश में मानव जीवन को तकनीक के माध्यम से बेहतर और आसान बनाया जा सकता है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई के निदेशक प्रोफेसर अनिरुद्ध बी पंडित ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के महत्व की चर्चा करते हुए केमिकल इंजीनियरिंग के तकनीकी महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप को जोर देते हुए केमिकल इंजीनियरों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश से वैज्ञानिकों ने भाग लिया और लगभग 237 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर दीपेश पटेल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

देश -विदेश के प्रोफ़ेसर रहे मौजूद

उक्त कार्यक्रम में प्रोफेसर एबी पंडित, आईसीटी मुंबई के अलावा, प्रो. टी.एस. डॉ.सुशिउंग लैम, यूएमटी, मलेशिया, प्रो. रहमत एस. घरेबाग, तेहरान विश्वविद्यालय, ईरान, इर. डॉ. श्यामसुल रिज़ल, यूएसएम, मलेशिया, पोलिमी, इटली से प्रो. डेविड मांका, न्यू कैसल, यूके से डॉ. जी झांग, प्रो. विमल कटियार, आईआईटी गुवाहाटी और डॉ. सुनील पांडे, टेरी नई दिल्ली आदि उपस्थित थे।



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Shashi kant gautam

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