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लखनऊ हादसाः बेसहारा हुए ये 3 परिवार, नहीं थम रहे आखों से गिरते आंसू

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Published on: 9 Jan 2017 9:29 AM GMT
लखनऊ हादसाः बेसहारा हुए ये 3 परिवार, नहीं थम रहे आखों से गिरते आंसू
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लखनऊ हादसाः बेसहारा हुए ये 3 परिवार, नहीं थम रहे आखों से गिरते आंसू

बहराइचः लखनऊ में रैन बसेरे में हुए हादसे में मटेही गांव के तीन परिवार बेसहारा हो गए हैं। आंखों से आंसू थम नहीं रहे। हादसे में दम तोड़ने वाले अब्दुल कलाम की बेटी अफरोजन का 9 मार्च को निकाह होना है। शादी के तैयारी की खुशियां आंसूओं में डूबी हैं। तीनों परिवार के लोग बदहवास हालत में हैं। उन्हे ढांढस बंधाने पहुंच रहे गांव के लोगों की आंखें भी नम हो रही हैं।

कैसे हुआ हादसा?

नानपारा तहसील क्षेत्र का मटेही गांव सरयू के कछार में स्थित है। गांव में मजदूरी पेशा वर्ग के लोग ही रहते हैं। अधिकांश लोग परिवार का खर्च चलाने के लिए मुंबई, दिल्ली और लखनऊ में मजदूरी करते हैं। इसी के तहत गांव निवासी अब्दुल कलाम उर्फ ननकऊ (50) पुत्र अली अहमद, पृथ्वीराज (35) पुत्र पहलवान, बुधई (45) पुत्र रसूल और गुलाम हुसैन मजदूरी करने के लिए लखनऊ गए थे। सभी दिन में मजदूरी करते थे और रात विधायक निवास के निकट स्थित बालू वाले टीले के रैन बसेरे में गुजारते थे। रात में तेज रफ्तार कार सभी के लिए न सिर्फ काल बनी बल्कि परिवार की खुशियां भी छीन लीं। सुबह हादसे की खबर गांव में पहुंची तो तीनों परिवार में कोहराम मच गया।

पिता की मौत से पहुंचा सदमा

अब्दुल कलाम की बेटी अफरोजन(18) का नौ मार्च को निकाह होना है। इसके लिए अब्दुल कलाम मजदूरी कर पैसे इकठ्टा कर रहा था। 26 जनवरी के बाद से बेटी की शादी की तैयारी के लिए गांव लौटना था। लेकिन शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। पिता की मौत की खबर सुनकर अफरोजन की तो आंखे पथरा सी गई हैं।

नहीं थम रहे आंखों से आंसू

वहीं अब्दुल कलाम की पत्नी अफसरी की आंखों से आंसू थम नहीं रहे। पुत्र मेराज सबसे बड़ा है, वह खबर सुनकर गांव के लोगों के साथ सुबह ही लखनऊ रवाना हो गया। वहीं मंझले पुत्र सिराज और छोटा पुत्र रजाक भी स्तब्ध हैं। हादसे में पृथ्वीराज का तो पूरा परिवार ही उजड़ गया है। घर में अब सिर्फ पत्नी रेशमी और मां रत्तीरामा बची हैं। दोंनों की हालत पृथ्वीराज की मौत के बाद विक्षिप्तों सी हो गई है। बुधई के घर में भी परिवारीजन पछाड़ें खा कर गिर रहे हैं। घर पर सिर्फ रामू और रिजवाना भाई बहन मिले दोनों आवाक दिखे। बोले लखनऊ में बप्पा खत्म हो गए सभी वहीं गए हैं।

अब कैसे पीले होंगे दो बेटियों के हाथ

अब्दुल कलाम की पत्नी रह रह की विलख रही है। अफसरी का कहना है कि लौटने पर पति ने बेटी की शादी के लिए खरीददारी करने की बात कही थी। अब शादी कैसे होगी। विलख रही अफसरी ने बताया कि बड़ी बेटी का विवाह हो चुका है। अफरोजन मंझली है उसकी शादी मटेहीकला निवासी मेराज पुत्र असगर के साथ तय की थी। एक और बेटी भी है। बेड़ा कैसे पार होगा।

गुलाम हुसैन के परिजन तीमारदारी में गए

हादसे में गुलाम हुसैन घायल हुआ है। वह ट्रामा सेंटर में भर्ती है। घर पर बेटी मंतशा और खुशनुमा मिलीं। बोली मां और परिवार के लोग बापू की देखभाल के लिए लखनऊ गए हैं।

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