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गोलियों की आवाज से कांप उठी राजधानी, दो घटनाओं में हुए तीन मर्डर

Admin
Published on: 6 March 2016 10:34 AM IST
गोलियों की आवाज से कांप उठी राजधानी, दो घटनाओं में हुए तीन मर्डर
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लखनऊ: बीते शनिवार राजधानी गोलियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। बेखौफ बदमाशों में दो अलग-अलग घटनाओं में तीन हत्याओं को अंजाम दिया। एक घटना गोमती नगर में हुई और दूसरी विकास नगर थाना क्षेत्र में। सबसे बड़ी बात है की इन बेखौफ बदमाशों के दिल में पुलिस-प्रशासन का डर भी नहीं रह गया है। गोमती नगर में पुलिस थाने से महज 50 मीटर की दूरी पर एक बदमाश ने एडवरटाईजिंग कंपनी के ऑपरेशन एक्जिक्यूटिव को गोली मारी। वहीं, विकासनगर थाने के सेक्टर-3 स्थित पुलिस चौकी से करीब 200 मीटर की दूरी पर बदमाशों ने एक और वारदात को अंजाम दिया। यहां बदमाशों ने जेल में बंद माफिया मुन्ना बजरंगी के रिश्तेदार और उसके दोस्त की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी।

कार पर रखा हाथ इसलिए मार दी गोली

सेक्टर डी 1060 इंदिरानगर में रहने वाले रितेश को एक बदमाश ने सिर्फ कार पर हाथ रखने की वजह से गोलियों से भून दिया। मृतक वर्जिन एडवरटाइजिंग कंपनी में ऑपरेशन एक्जिक्यूटिव के पद पर काम करता था। गोली मारने के बाद आरोपी एक अन्य राहगीर की बाइक छीनकर फरार हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने रितेश को हॉस्पिटल तक पहुंचाया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह वारदात गोमतीनगर से महज 50 मीटर की दूरी पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के पास हुई।

गोलियों की आवाज से गूंजा विकासनगर

लखनऊ पुलिस अभी गोमती नगर में हुई घटना के आरोपियों की खोज में लगे ही थे कि विकास नगर थाने में बदमाशों ने हत्या की एक अन्य घटना को अंजाम दे दिया। यहां बदमाशों ने कुख्यात मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह और उसके दोस्त को अपनी गोलियों का शिकार बनाया। बदमाशों ने पुष्पजीत और उसके दोस्त संजय को तबतक गोलियों से भूना जबतक दोनों की जान नहीं चली गई। मौके पर पहुंची पुलिस टीम में मृतकों को ट्रामा सेंटर ले गई जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि बदमाश पहले से ही पुष्पजीत के पीछे लगे थे।

शनिवार को छह घंटों के भीतर हुई इन तीन हत्याओं के बाद से शहर में काफी दहशत का माहौल है। साथ ही पुलिस की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। ये घटनाएं ऐसे क्षेत्रों में हुई हैं, जहां कई प्रतिष्ठित अधिकारियों और रसूखदारों के घर हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर इन क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है तो अन्य क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का क्या?



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