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अब ‘वॉयस आॅफ दारुल उलूम’ के माध्यम से अंग्रेजी में दी जाएगी इस्लामी शिक्षा
विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम वक्फ की हुज्जतुल इस्लाम एकेडमी द्वारा इस्लामी शिक्षाओं पर आधारित अंग्रेजी पुस्तक ‘वॉयस आॅफ दारुल उलूम’ का प्रकाशन किया गया। इस पुस्तक का उद्देश्य देश-विदेश में अंग्रेजी भाषा को जानने वाले लोगों तक इस्लाम की शिक्षाओं को पहुंचाना है।
सहारनपुर: विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम वक्फ की हुज्जतुल इस्लाम एकेडमी द्वारा इस्लामी शिक्षाओं पर आधारित अंग्रेजी पुस्तक ‘वॉयस आॅफ दारुल उलूम’ का प्रकाशन किया गया। इस पुस्तक का उद्देश्य देश-विदेश में अंग्रेजी भाषा को जानने वाले लोगों तक इस्लाम की शिक्षाओं को पहुंचाना है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं दारुल उलूम वक्फ के सदर मोहतमिम मौलाना मोहम्मद सालिम कासमी ने सोमवार को पुस्तक का विमोचन किया। इसके उपरांत मौलाना मोहम्मद सालिम कासमी ने कहा कि मौजूदा समय में मजहब इस्लाम को जमकर निशाना बनाया जा रहा है। इस्लाम को बदनाम करने वाली ताकतों को जवाब देने के लिए इस्लाम की सही जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में इस बात की जरूरत है कि इस्लाम के पैगाम को दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया जाए। ऐसा तभी मुमकिन है जब इस्लाम का प्रचार प्रसार सभी भाषाओं में हो। कहा कि खासतौर पर दुनिया में बड़ा तबका अंग्रेजी जुबान को जानने वाला है। इसलिए इस्लाम की शिक्षाओं से संबंधित पुस्तकों का अंग्रेजी में होना भी बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इस किताब से अंग्रेजी जुबान से वाकफियत रखने वालों को बेहद फायदा पहुंचेगा। दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने कहा कि वाइस आॅफ दारुल उलूम का प्रकाशन संस्था का एक अहम कदम है। कहा कि मौजूदा दौर में अंग्रेजी भाषा वैश्विक स्तर पर अपना खास मुकाम रखती है। इसलिए दावत ए इस्लाम के लिए इस भाषा को जरिया बनाकर इस्लामी तालीम को फैलाना जरूरी है। इस अवसर पर पुस्तक के संपादक मौलाना डा. शकैब कासमी, मुफ्ती आरिफ कासमी, कारी मोहम्मद वासिफ कासमी, मुफ्ती असद कासमी, मुफ्ती सज्जाद, मौलाना इजहारुलहक, मौलाना जमशेद आदि मौजूद रहे।