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Architectural Buildings in Lucknow: लखनऊ के सबसे पुराना भवन, जो अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर

Architectural Buildings in Lucknow: लखनऊ शहर अपने उद्यानों, बगीचों और अनोखी वास्तुकलात्मक इमारतों के लिए जाना जाता है। तो आइए एक नजर ऐसी ही 10 खूबसूरत इमारतों पर डालते हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 1 Sept 2022 6:04 PM IST
architectural buildings of Lucknow
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लखनऊ के शीर्ष 10 वास्तुकला भवन। 

Tallest Buildings in Lucknow: लखनऊ जनसंख्या के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इसके अलावा यह लखनऊ मंडल का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यह ग्यारहवां सबसे अधिक आबादी वाला शहर है और भारत का बारहवां सबसे अधिक आबादी वाला शहरी समूह। लखनऊ को हमेशा एक बहुसांस्कृतिक शहर के रूप में जाना जाता है जो उत्तर भारतीय सांस्कृतिक और कलात्मक केंद्र और 18वीं और 19वीं शताब्दी में नवाबों की शक्ति के केंद्र के रूप में विकसित हुआ। यह शासन, प्रशासन, शिक्षा, वाणिज्य, एयरोस्पेस, वित्त, फार्मास्यूटिकल्स, प्रौद्योगिकी, डिजाइन, संस्कृति, पर्यटन, संगीत और कविता का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है।

लखनऊ का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। लखनऊ से मर्यादापुरूषोतम श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या से लखनऊ 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में ये कौशल राज्य का हिस्सा था। यह भगवान राम की विरासत थी, जिसे उन्होंने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को सौंप दिया था। अतः इसे लक्ष्मणावती, लक्ष्मणपुर या लखनपुर के नाम से भी जाना गया, जो कालांतर में बदलकर लखनऊ हो गया।

नवाबों का शहर लखनऊ किसी पहचान का मोहताज नहीं है। यहां की तहजीब, अंग्रेजों और मुगलों के जमाने की इमारतें, लजीज खानपान, छोटी-बड़ी गलियां, पहनावा आदि ने अपने अलग पहचान बनाई है। गोमती के किनारे बसा लखनऊ शहर अपने उद्यानों, बगीचों और अनोखी वास्तुकलात्मक इमारतों के लिए जाना जाता है। तो आइए एक नजर ऐसी ही 10 खूबसूरत इमारतों पर डालते हैं।


बड़ा इमामबड़ा (Bada Imambara)

बड़ा इमामबाड़ा को आसिफ इमामबाड़ा के नाम से भी जाना जाता है। यह लखनऊ की उत्कृष्ट इमारतों में से एक है। इसे 1783 में लखनऊ के नवाब आसफ-उद्-दौला द्वारा बनाया गया था। इसमें एक दिलचस्प भूलभूलैया भी है।


छोटा इमामबाड़ा (Chota Imambara)

छोटा इमामबाड़ा, जिसे इमामबाड़ा हुसैनाबाद के नाम से भी जाना जाता है का निर्माण 1838 में अवध के नवाब मोहम्मद अली शाह द्वारा करवाया गया था। इसे उनके और उनकी मां के मकबरे के रूप में बनाया गया था। शिया मुसलमानों के लिए बड़े इमामाबाड़े की तरह यह इमामबाड़ा भी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।


छत्तरपुर मंजिल (Chattarpur Manzil)

छत्तरपुर मंजिल को छाता पैलेस भी कहा जाता है क्योंकि इसकी गुंबद छातानुमा आकार की है। इस महल को कई शासकों ने अलग – अलग समय पर बनवाया। इसे सबसे पहले 1781 में अंग्रेस अफसर जनरल क्लाउड मार्टिन के द्वारा बनवाया गया था। बाद में इसे नवाब सादत अली खान द्वारा खरीद लिया गया था। यह पैलेस पहले अवध के नवाब और उनकी बेगमों का निवास स्थान हुआ करता था। 1857 की प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ये आंदोलनकारियों का केंद्र भी रहा था। वर्तमान समय में यह महल केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्था न ( सीडीआरआई ) के कार्यालय के रूप में जाना जाता है।


कैसरबाग पैलेस (Kaiserbagh Palace)

कैसरबाग पैलेस को 1847 में अवध के नवाब वाजिद अली शाह द्वारा बनवाया गया था। यह महल नवाब का ड्रीम प्रोजेक्ट था। कहते हैं कि वो इसे दुनिया का आठवां आश्चर्य बनाना चाहते थे। ये महल मुगलशैली और यूरोपीय शैली का मिश्रण है। 1857 की क्रांति के कारण अंग्रेजों ने इस महल के एक बड़े हिस्से को ध्वस्त कर दिया था। नवाब को भी अपनी पत्नी के साथ कलकत्ता निर्वासित होना पड़ा था।


सिकंदर बाग (Sikandar Bagh)

अवध के आखिरी नवाब वाजिद अली शाह ने लखनऊ में कुछ बेहतरीन निर्माण करवाए थे, उनमें सिकंदर बाग भी शामिल है। सिकंदर बाग को एक गार्डन के तौर पर बनाया गया था, इसमें एक खूबसूरत विला भी है। नवाब ने इसे गर्मियों के निवास स्थान के रूप में बनाया था।


दिलकुशा कोठी (Dilkusha Kothi)

दिलकुशा कोठी लखनऊ के दिलकुशा क्षेत्र में गोमती नदी के किनारे स्थित है। इस कोठी को सन् 1800 में ब्रिटिश मेजर गोरे ओस्ले ने बनवाया था। ओस्ले अवध के नवाब के दोस्त हुआ करते थे। इसे बाद में गर्मियों में रहने वाले घर के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा था। वर्तमान में ये एक खंडहर में तब्दील हो चुका है।


मोती महल (Moti Mahal)

लखनऊ स्थित मोती महल अवध के नवाब का निवास स्थान हुआ करता था। यह राणा प्रताप मार्ग पर गोमती नदी के तट पर स्थित है। इसका निर्माण नवाब सादत अली खान द्वारा करवाया गया था ताकि उनका परिवार यहां बैठकर जानवरों की लड़ाई देख सके, जो कि अक्सर नदी की दूसरी छोड़ पर हुआ करता था। ये लखनऊ के सुंदर महलों में गिना जाता है।


कॉन्स्टेंटिया हाउस (Constantia House)

कॉन्स्टेंटिया हाउस एक मिश्रित शैली (इटेलियन और ब्रिटिश) में बनी प्राचीन इमारत है। वर्तमान में इस इमारत में ला मार्टिनेयर कॉलेज 'बॉयज' कॉलेज चलता है। इस इमारत को मेजर जनरल क्लाउट मार्टिन ने बनवाया था।


औरंगजेब मस्जिद (Aurangzeb Mosque)

लखनऊ के लाल पुल से सटी हुई गोमती नदी के ठीक किनारे एक टीले पर मस्जिद बनी हुई है। इसे 1659 ईं में मुगल शासक औरंगजेब ने बनवाया था। बताया जाता है कि 16वीं सदी में जब औरंगजेब दिल्ली से अयोध्या जा रहा था, तब उसने मस्जिद बनवाने के आदेश दिए थे।


विधानसभा भवन (assembly building)

लखनऊ स्थित विधानसभा भवन का निर्माण ने अंग्रेजों ने करवाया था। इसकी नींव 15 दिसंबर 1922 को रखी गई थी। सात साल बाद यानी 21 फरवरी 1928 में भवन की स्थापत्य यूरोपियन और अवधी शैली का मिश्रण है 21 लाख रूपये की लागत से ये बनकर तैयार हो गया था। भवन की स्थापत्य यूरोपियन और अवधी शैली का मिश्रण है।



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Deepak Kumar

Deepak Kumar

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