ताजमहल देखने आए टूरिस्टों की ड्रेस पर धार्मिक प्रतीक चिन्ह को लेकर कोई बैन नहीं

ताजमहल देखने आने वालों की ड्रेस (दुपट्टे या गमछे) पर रंग अथवा कुछ धार्मिक नाम-प्रतीक लिखे होने पर उनकी एंट्री पर बैन नहीं है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने इस तरह का कोई बैन नहीं लगाया है।

tiwarishalini
Published on: 23 April 2017 2:45 PM GMT
ताजमहल देखने आए टूरिस्टों की ड्रेस पर धार्मिक प्रतीक चिन्ह को लेकर कोई बैन नहीं
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ताजमहल देखने आए टूरिस्टों की ड्रेस पर धार्मिक प्रतीक चिन्ह को लेकर कोई बैन नहीं

लखनऊ: ताजमहल देखने आने वालों की ड्रेस (दुपट्टे या गमछे) पर रंग अथवा कुछ धार्मिक नाम-प्रतीक लिखे होने पर उनकी एंट्री पर बैन नहीं है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने इस तरह का कोई बैन नहीं लगाया है।

हाल ही में इससे जुडी खबरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं। इस पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) के सुरक्षा कर्मियों और सूपरिन्टेन्न्डेन्ट आर्किओलोजिस्ट, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, आगरा से रिपोर्ट मांगी।

जिसके अनुसार, ताजमहल में आने वाले टूरिस्ट से सीआईएसएफ के किसी सुरक्षा कर्मी या आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के किसी कर्मी ने दुपट्टा या गमछा उतारने को नहीं कहा है। नियमावली में ऐसा करने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही इस आशय का कोई परिपत्र आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया गया या लागू है।

बता दें, कि 19 अप्रैल को इससे संबंधित खबरें आई थीं। जिसके मुताबिक, ताजमहल देखने आई एक महिला टूरिस्ट को रामनामी (राम नाम लिखे भगवा दुपट्टे) उतरवा कर ही अंदर जाने दिया गया था।

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सुरक्षा की दृष्टि से सिगरेट, लाइटर, च्युइंगम, चाॅकलेट जमा कराए जाते हैं

कमांडेंट, सीआईएसएफ ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से सिगरेट, लाइटर, च्युइंगम, चॉकलेट इत्यादि सरकारी लॉकर में जमा कराए गए थे, लेकिन स्कार्फ/ दुपट्टा नहीं उतरवाया गया था। इससे संबंधित सीसीटीवी फुटेज उनके पास है। फूटेज में यह स्पष्ट है कि रामनाम लिखे भगवा दुपट्टे पहने महिला टूरिस्ट ताजमहल परिसर में आई हैं।

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स्थानीय पुलिस कर रही है जांच

सूपरिन्टेन्न्डेन्ट आर्किओलोजिस्ट, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, आगरा ने पुष्टि की है कि मीडिया में दिखाई जा रही घटना से संबंधित वीडियो में दिख रहे दुपट्टे उतरवाने वाले व्यक्ति ना तो आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के कर्मी हैं और ना सीआईएसएफ के। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि ये व्यक्ति उक्त टूरिस्ट के साथ के ही कोई व्यक्ति (गाइड अथवा उनका कोई सहयोगी) हो सकते हैं। इस बारे में अलग से जांच भी की जा रही है। स्थानीय पुलिस को भी इस संबंध में जांच करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

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