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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के पलट प्रवाह से कई जिलों में भयंकर जाम, अयोध्या में भीड़ से हाल बेहाल
Maha Kumbh 2025: सुल्तानपुर में भी बृहस्पतिवार को लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर काफी लम्बा जाम देखने को मिला। जो अमहट से लेकर लंभुआ तक रहा।
महाकुंभ के पलट प्रवाह से कई जिलों में भयंकर जाम (photo: social media )
Maha Kumbh 2025: धीरे-धीरे अब श्रद्धालुओं की भीड़ माघ पूर्णिमा पर स्नान के बाद महाकुंभ से लौट रही है। लेकिन पलट प्रवाह से अयोध्या समेत अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी में बृहस्पतिवार को भयंकर जाम देखने को मिला। लेकिन इन सब में सबसे बुरा हाल तो अयोध्या का रहा । महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह अयोध्या की तरफ होने लगा। यही कारण है कि बृहस्पतिवार यहाँ 10 लाख से भी अधिक श्रद्धालु राम नगरी दर्शन को पहुंचे। जिसके नियंत्रण के लिए जिले की सीमा से ही सभी वाहनों को डायवर्ट किया जा रहा है। गोरखपुर हो चाहे गोंडा, लखनऊ, रायबरेली, अंबेडकरनगर सभी मार्गों पर वाहनों का प्रवेश बंद है।
बता दें सुल्तानपुर में भी बृहस्पतिवार को लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर काफी लम्बा जाम देखने को मिला। जो अमहट से लेकर लंभुआ तक रहा। बुधवार रात 10 बजे से बृहस्पतिवार शाम तक अयोध्या जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए । 17 घंटे जाम में फंसे लोगों का बिना खाये पिए बुरा हाल हो चूका था।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल कुमार कटका भी जाम में फंसे
अयोध्या में रामलाला के दर्शन करने के बाद बृहस्पतिवार दोपहर अपने वाहन से प्रयागराज जा रहे जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल कुमार कटका भी जाम में फंसे रहे। किसी तरह स्थानीय पुलिस ने उन्हें जाम से बाहर निकाला। यही नहीं बंगाल के पूर्व मिदनापुर निवासी विजय मैती भी बुधवार रात प्रयागराज से अयोध्या के लिए निकले थे लेकिन जाम में फंस गए।
अयोध्या में वाहनों को प्रवेश ना मिलने से अंबेडकरनगर में बुरा जाम लगा रहा। अमेठी में भी श्रद्धालु काफी परेशान रहे। उन्हें मार्ग परिवर्तित के चलते जगह-जगह रोका गया । रायबरेली-अयोध्या हाईवे पर आमघाट पहुंचे श्रद्धालुओं के वाहनों को प्रवेश ना मिलने से काफी इंतज़ार करना पड़ा।
बाराबंकी में डायवर्जन
बृहस्पतिवार वाले दिन भी बाराबंकी में डायवर्जन रहा। किसी भी वाहन अयोध्या की तरफ जाने से माना कर दिया गया । जिस कारण कई श्रद्धालु तो रामलला के दर्शन किए बिना ही घर लौट गए। गोरखपुर और बस्ती का भी यही हाल रहा ।