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ट्रेन हादसा: बहन ने पकड़ लिए मंत्री के पैर, कहा- मेरा भाई दिला दो, अब मेरा कोई नहीं
प्रीति ने स्वास्थ्य मंत्री के पैर पकड़ लिए और हाथ जोड़ कर भाई का जल्द पोस्टमॉर्टम कराने की फरियाद करने लगी। उसने स्वास्थ्य मंत्री से कहा-सर मुझे मेरा भाई दिला दो। मैं अनाथ हो गई। अब मेरा कोई नहीं।
कानपुर: भाई के पोस्टमॉर्टम के लिए परेशान बहन ने स्वास्थ्य मंत्री के पैर पकड़ लिए। बिहार से कानपुर पहुंची यह बहन रात भर भाई का शव तलाशती रही और शव मिला तो पोस्टमॉर्टम के लिए भटकती रही। लड़की की पीड़ा देख स्वास्थ्य मंत्री ने सीएमओ से उसके भाई का जल्दी पोस्टमार्टम कराने को कहा।
कौन समझेगा बहन का दर्द
-ट्रेन हादसे की खबर मिलने के बाद बिहार से कानपुर पहुंची प्रीति ने बताया कि बचपन में ही पिता दिलीप और मां मनीषा देवी की मौत हो गई थी।
-माता-पिता की मौत के बाद प्रीति ने मजदूरी कर अपने भाई राहुल को बेटे की तरह पाला था।
-भाई को पालने के लिए प्रीति ने शादी भी नहीं की थी। प्रीति ने कहा- मैं अनाथ हो गई। अब मेरा कोई नहीं।
-20 वर्षीय राहुल मध्य प्रदेश के सागर में नौकरी करता था और अब बहन का सहारा था।
-राहुल शनिवार रात इंदौर पटना एक्सप्रेस से बहन के पास पटना जा रहा था।
-जब ट्रेन हादसे की सूचना प्रीति को मिली तो वह भाई का शव लेने रविवार रात कानपुर देहात पहुंची।
-काफी तलाश के बाद जब उसे राहुल की बॉडी मिली तो उसने डॉक्टरों से जल्दी पोस्टमार्टम कराने की गुहार लगाई। लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नही था।
पकड़े मंत्री के पैर
-प्रीति को जब मंत्री के पहुंचने की बात पता चली तो वह स्वास्थ्य मंत्री शिवा कान्त ओझा के पास जा पहुंची।
-प्रीति ने स्वास्थ्य मंत्री के पैर पकड़ लिए और हाथ जोड़ कर भाई का जल्द पोस्टमॉर्टम कराने की फरियाद करने लगी।
-प्रीति ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा-सर मुझे मेरा भाई दिला दो।
-स्वास्थ्य मंत्री ने उसे आश्वासन देकर सीएमओ से उसके भाई का जल्द पोस्ट मॉर्टम कराने को कहा।
-स्वास्थ्य मंत्री ने मृतकों की लिस्ट भी मांगी और शिनाख्त किए गए लोगों और पोस्टमार्टम हो चुके शवों की संख्या की जानकारी ली।
-स्वास्थ्य मंत्री ने मृतकों के परिजनों से कहा कि किसी प्रकार की समस्या हो तो आप मुझे बता सकते हैं।
-उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री शिवाकांत ओझा ट्रेन हादसे के 36 घंटे बाद हालात का जायजा लेने कानपुर पहुंचे थे।