HC का आदेश ठेंगे पर, नंबर प्लेट्स के नाम पर हो रहा है खिलवाड़

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Published on: 31 March 2016 5:11 PM IST
HC का आदेश ठेंगे पर, नंबर प्लेट्स के नाम पर हो रहा है खिलवाड़
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Ashutosh Tripathi Ashutosh Tripathi

लखनऊः कार या मोटरसाइकिल पर सपा, पापा या साईं लिखा देखें तो चौंके मत। यह नाम नहीं बल्कि वाहनों के नंबर हैं। ऐसे नंबर आपको सड़कों पर आए दिन देखने को मिलते होंगे। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस इनपर लगाम नहीं लगा पा रही है।

चेकिंग में ऐसे वाहनों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। दोनों ही विभागों का मानना है कि जब तक इनकी सेल बंद नहीं होगी तब तक ऐसी नंबर प्लेट्स का चलन इसी तरह से चलता रहेगा।

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सबसे अलग दिखने की चाहत

-आरटीओ विभाग के अधिकारियों की मानें तो लखनऊ में इस प्रकार की नंबर प्लेट्स का सबसे ज्यादा प्रयोग युवा करते हैं।

-इसकी अहम वजह सबसे हटकर दिखने की चाह।

-युवा अपनी बाइक ज्यादा आकर्षक दिखाने की चाह में नंबर प्लेट की अहमियत को दरकिनार कर देते हैं।

-नंबर प्लेट बनाने वाले भी पैसों के लालच में आकर कैसी भी नंबर बना देते हैं।

क्या हैं नियम

-वाहनों का रजिस्ट्रेशन करते समय परिवहन विभाग की ओर से रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाता है।

-जो नंबर गाड़ी के दोनों ओर लगी सफेद प्लेट पर काले अक्षरों में लिखा जाता है।

-सभी गाड़ियों पर रजिस्ट्रेशन नंबर किस आकार में लिखवाया जाएगा। यह परिवहन विभाग ने तय कर रखा है।

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-साथ ही यह भी नियम हैं कि नंबर प्लेट पर पदनाम, पेशे का नाम, पेशे को प्रदर्शित करने वाला चिह्न, लाल रंग की पट्टी, राजनीतिक दल का चिह्न नहीं लगाना है।

-यहां तक कि सरकारी अधिकारी भी नम्बर प्लेट पर अपना पद नहीं लिखवा सकतें।

नंबर प्लेट का साइज

-परिवहन विभाग ने मोटर साइकिल से लेकर यात्री कार तक की नंबर प्लेट का साइज तय रखा है।

-नियमावली के नियम-50 के अनुसार दोपहिया और तीन पहिया वाहनों के आगे और पीछे नंबर प्लेट का साइज 200x100 मिमी।

-कार है तो नंबर प्लेट का साइज 500x120 मिमी होना चाहिए।

नुकसान हमारा खुद का

-नंबर प्लेट ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे आसानी से गाड़ी की पहचान हो पाती है।

-अक्सर सड़क दुर्घटना के दौरान वाहन चालक राहगीर को टक्कर मारकर निकल जाता है।

-लेकिन डिजाइनर नंबर प्लेट के कारण वहां मौजूद लोग भी उस गाड़ी का नंबर नहीं बता पाते हैं।

-जिस कारण गाड़ी की पहचान नहीं हो पाती है और पुलिस केस बनाने के बाद भी नंबर की जानकारी न होने के कारण किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कर पाती।

नीचे की स्लाइड्स में देखें तस्वीरें...

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