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Sonbhadra: आदिवासियों को पुश्तैनी कब्जे वाली जमीनों पर मिलेगा भौमिक अधिकार, डीएम ने की समीक्षा

Sonbhadra News: जिले के ऐसे सभी आदिवासियों-वनवासियों, जिनको अब तक पुश्तैनी कब्जे वाली जमीन पर भौमिक अधिकार मिलेगा।

Kaushlendra Pandey
Published on: 30 May 2022 7:05 PM IST
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (डीएम ने की समीक्षा बैठक)

Sonbhadra News: जिले के ऐसे सभी आदिवासियों-वनवासियों, जिनको अब तक पुश्तैनी कब्जे वाली जमीन पर भौमिक अधिकार नहीं मिल पाया है, उन्हें इससे लाभान्वित करने के लिए अस्वीकृत किए गए वनाधिकार के दावों के रिव्यू (पुनः परीक्षण) और वनाधिकार ग्राम वन समितियों के पुनर्गठन की कवायद शुरू हो गई है। इसको लेकर सोमवार को जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह (District Magistrate Chandra Vijay Singh) ने कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक ली और संबंधितों को निर्देशित किया कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यता) अधिनियम एवं वन नियमावली के अंतर्गत लंबित अस्वीकृत दावों के रिव्यू का कार्य तथा वनाधिकार ग्राम वन समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाए।

ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारियों का कराया जाए 4 दिवसीय प्रशिक्षण

डीएम ने निर्देशित किया कि वनाधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए जिन भी अधिकारियों, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए, उनका चार दिवसीय प्रशिक्षण भी कराया जाए ताकि उन्हें वनाधिकार से संबंधित पत्रावलियों के निस्तारण में किसी तरह की कठिनाई न आने पाए। डीएम ने ग्राम वन समितियों के पुनर्गठन के बाद, समिति अध्यक्ष और सदस्यों के लिए भी एक दिवसीय प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने की हिदायत दी।


इन जगहों के अधिकारियों को दिए निर्देश

राबटर्सगंज, ओबरा, रेणुकूट के डीएफओ, राबटर्सगंज, ओबरा, घोरावल और दुद्धी के उप जिलाधिकारी-तहसीलदार को निर्देश दिया कि वह वह आपस में समन्वय स्थापित कर वनाधिकार अधिनियम से संबंधित पत्रावलियों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव को हिदायत दी कि वह वनाधिकार से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रशिक्षण उनसे जुड़े विकास खंडों में अतिशीघ्र कराना सुनिश्चित करें। खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह वन समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया अविलंब पूर्ण कराएं।

इस दौरान डीएफओ संजीव कुमार सिंह (DFO Sanjeev Kumar Singh), एडीएम सहदेव मिश्र (ADM Sahdev Mishra), एसडीएम रमेश कुमार (SDM Ramesh Kumar), शैलेंद्र मिश्रा, बनवासी कल्याण आश्रम के सह संगठन मंत्री आनंद आदि ने वनाधिकार से जु़ड़े मसलों पर जरूरी जानकारियां डीएम के सामने रखी।

रिव्यू को लेकर उठाई जा रही आवाज

बता दें कि लगभग पांच हजार ऐसे दावों, जिनके रिव्यू को लेकर लगातार आवाज उठाई जा रही है। विधानसभा चुनाव से पूर्व ही, ऐसे मामलों का निस्तारण कर आदिवासियों को वनाधिकार के तहत भौमिक अधिकार देने की योजना बनाई गई थी लेकिन तकनीकी कारणों से ऐसा नहीं हो पाया। प्रदेश में दोबारा सरकार बनने के बाद योगी सरकार की तरफ से इसको लेकर एक बार फिर से तेजी से पहल शुरू की गई।

पिछले दिनों राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने कई आदिवासियों को इससे लाभान्वित भी किया। उस दौरान भी लोगों ने अस्वीकृत दावों के रिव्यू की मांग उठाई थी, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से ऐसे सभी प्रकरणों के पुनः परीक्षण को लेकर पहल शुरू कर दी गई है।



Deepak Kumar

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