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पंडित दीनदयाल की 53 वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम, इटावा में भाजपा ने दी श्रंद्धाजलि

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए जिला मंत्री जितेंद्र गौड़ जी ने उनके जीवन परिचय पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए बताया पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा जिले के "नगला चन्द्रभान" ग्राम में हुआ था।

Shraddha Khare
Published on: 11 Feb 2021 6:28 PM IST
पंडित दीनदयाल की 53 वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम, इटावा में भाजपा ने दी श्रंद्धाजलि
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पंडित दीनदयाल की 53 वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम, इटावा में भाजपा ने दी श्रंद्धाजलि

इटावा : आज हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 53 वीं पुण्यतिथि मना रहे हैं। पं.दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि को भाजपा समर्पण दिवस के रूप में मनाती आयी है इस दिन प्रत्येक बूथ पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ।

दीनदयाल उपाध्याय जी के चित्र पर पुष्पांजलि करके श्रंद्धाजलि

नया शहर मण्डल द्वारा समर्पण दिवस मण्डल अध्यक्ष अनुग्रह सेंगर जी की अध्यक्षता में एवं समर्पण कार्यक्रम के जिला संयोजक जिला मंत्री रजत चौधरी जी के संयोजन में भारतीय जनता पार्टी इटावा कार्यालय पर मनाया गया । समर्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिलाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह धाकरे जी ने दीनदयाल उपाध्याय जी के चित्र पर पुष्पांजलि करके श्रंद्धाजलि अर्पित की ।

भाजपा नेता राजेंद्र गुप्ता दीनदयाल के जीवन पर कही बात

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र गुप्ता ने दीनदयाल जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन के चर्चित घटनाओं का उल्लेख किया । कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ रमाकांत शर्मा जी ने बताया संघ के माध्यम से ही उपाध्याय जी राजनीति में आये। 21 अक्टूबर 1951 को डॉ० श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में 'भारतीय जनसंघ' की स्थापना हुई ।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का बताया जीवन परिचय

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए जिला मंत्री जितेंद्र गौड़ जी ने उनके जीवन परिचय पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए बताया पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा जिले के "नगला चन्द्रभान" ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय था, जो नगला चंद्रभान (फरह, मथुरा) के निवासी थे। उनकी माता का नाम रामप्यारी था, जो धार्मिक प्रवृत्ति की थीं। पिता रेलवे में जलेसर रोड स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर थे।

दीनदयाल अभी 3 वर्ष के भी नहीं हुये थे, कि उनके पिता का देहांत हो गया। पति की मृत्यु से माँ रामप्यारी को अपना जीवन अंधकारमय लगने लगा। वे अत्यधिक बीमार रहने लगीं। उन्हें क्षय रोग लग गया। 8 अगस्त 1924 को उनका भी देहावसान हो गया। उस समय दीनदयाल 7 वर्ष के थे।

pandit deendayal upadhyaya

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इटावा में हुआ यह कार्यक्रम

जिलाध्यक्ष अजय धाकरे जी ने समर्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि एकात्म मानववाद मानव जीवन व सम्पूर्ण सृष्टि के एकमात्र सम्बन्ध का दर्शन है। इसका पूर्ण वैज्ञानिक विवेचन पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने किया था। एकात्म मानववाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शक दर्शन है। यह दर्शन पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा 22 से 25 अप्रैल, 1965 को मुम्बई में दिये गये चार व्याख्यानों के रूप में प्रस्तुत किया गया था।

इस अधिवेशन में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने करतल ध्वनि से एकात्म मानव दर्शन को स्वीकार किया। इसकी तुलना साम्यवाद, समाजवाद, पूंजीवाद से नहीं की जा सकती। अंतिम समापनीय उद्बोधन में मण्डल अध्यक्ष अनुग्रह सेंगर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित हुए कहा कि हम सबको दीनदयाल उपाध्याय जी से सीख लेते हुए उन्ही के बताए मार्गों पर चलें तभी हमारा समग्र विकास सम्भव है ।

इस कार्यक्रम का संचालन मण्डल महामंत्री चंदन मिश्रा ने किया

कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला महामंत्री अन्नू गुप्ता, शिवाकांत चौधरी, जिला उपाध्यक्ष विक्रम अग्रवाल, जिला मंत्री राहुल राजपूत, विधायक प्रतिनिधि हरिनारायण वाजपेयी,ओबीसी जिलाध्यक्ष विरला शाक्य, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष जफर अंसारी, वरिष्ठ भाजपाई एवं पूर्व सभासद अनुरुद्ध गुप्ता अच्चयुत मिश्रा, कार्यालय प्रभारी रवि पाल, सह-प्रभारी अवनीश भदौरिया, विवेक भदौरिया, मण्डल उपाध्यक्ष पंकज कुशवाहा, गगन चतुर्वेदी, जिला मीडिया प्रभारी रोहित शाक्य सहित मण्डल के समस्त पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।

रिपोर्ट- उवैश चौधरी

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