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वायु सेना के योद्धाओं को पुष्पचक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि, कारगिल युद्ध में हुए थे शहीद

स्टेशन समर स्मारक के ऊपर हवा में एमआई-17 वी 5 हेलीकॉप्टर द्वारा’’ मिसिंग मैन फार्मेसी फ्लाई पास्ट’ किया गया।

Neena Jain
Reporter Neena JainPublished By Monika
Published on: 28 May 2021 10:21 PM IST
Tribute to soldiers
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सैनिकों को श्रद्धांजलि (फोटो: सोशल मीडिया )

सहारनपुर: 28 मई को वर्ष 1999 को कारगिल युद्ध के समय ''माइटी आर्मर''यूनिट के चार बहादुर वायु योद्धाओ ने कारगिल दास क्षेत्र के तोलोलिंग की ऊंची बर्फीली चोटियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों के विरुद्व हवाई कार्यवाही के दौरान वीर गति को प्राप्त किया। उस निर्णायक दिन वायु सेना के ऑपरेशन सफेद सागर के तहत एक ऑपरेशन को अंजाम देते हुए इस बेस के एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी जिसमें स्क्वाड्रन लीडर रांजीव पुण्डीर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस मुहिलन, फ्लाईट गनर सार्जेंट पी वी एन आर प्रसाद तथा फ्लाइट इंजीनियर सार्जेंट आर0के0साहू थे।

भारतीय वायु सेना के पास उसके वीर वायु योद्वाओं के शौर्य एवं बलिदान की गौरवशाली विरासत है। 22 वर्ष पूर्व शहीद हुए रणबांकुरों को स्मरण करते हुए स्टेशन समर स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। स्टेशन समर स्मारक के ऊपर हवा में एमआई-17 वी 5 हेलीकॉप्टर द्वारा'' मिसिंग मैन फार्मेशन फ्लाई पास्ट' भी किया गया।

वायु सैनिकों को श्रद्धांजलि (फोटो: सोशल मीडिया )

एयर अफसर कमांडिंग वायु सेना स्टेशन सरसावा एयर कमोडोर अजय शुक्ला ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कारगिल क्षेत्र के तोलोलिंग की चोटियां और राकेट हमले के दौरान इनका हैलिकाप्टर दुशमन की मिसाईल की चपेट में आ गया तथा वायु सेना की उच्चतम परंपरांओ की मर्यादा को अक्षुण्ण रखते हुए ये वायु योद्धा सर्वोच्च बलिदान को प्राप्त हुए। शाम के समय पारंपरिक दीप प्रज्वलन समारोह का भी आयोजन किया गया। कोविड-19 के कारण केवल सीमित वायु योद्धाओं तथा उनके परिवारों ने ही समर स्मारक पर जाकर दीप प्रज्वलन किया। शेष वायु योद्धाओं ने अपने आवास के सामने दीप जलाकर इन रणबांकुरों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी ।

युद्ध के दौरान उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया

एयर अफसर कमांडिंग वायु सेना स्टेशन सरसावा एयर कमोडोर अजय शुक्ला ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होनें कहा कि वायु सेना स्टेशन सरसावा का अपने वायु योद्धाओं द्वारा प्रदर्शित विरल साहस और त्याग का एक अद्भुत इतिहास है। 28 मई 1999 को कारगिल युद्ध के दौरान "द माइटी आर्मर" के चार बहादुर वायु योद्धा स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुंडीर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस. मुहिलन, सार्जेण्ट पी.वी.एन.आर. प्रसाद और सार्जेण्ट आर.के.साहू ने भारतीय वायु सेना के "ऑपरेशन सफेद सागर" के तहत एक ऑपरेशन को अंजाम देते हुए कारगिल द्रास क्षेत्र के तोलोलिंग में पाकिस्तानी घुसपैठियों के विरूद्ध वायु संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान किया। उन्होनें कहा कि वर्दी में तैनात देश सेवा हेतु तत्पर हमारे बहादुर साथियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करना तथा श्रद्धांजलि अर्पित करना प्रत्येक वायुसेना कर्मी का पवित्र कर्तव्य है।



Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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