×

#TripleTalaq : मुस्लिम समाज से आने लगी हैं मिलीजुली प्रतिक्रियाएं

Rishi
Published on: 22 Aug 2017 3:25 PM IST
#TripleTalaq : मुस्लिम समाज से आने लगी हैं मिलीजुली प्रतिक्रियाएं
X

सहारनपुर: सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक के मुद्दे पर मंगलवार को दिए गए फैसले के बाद मुस्लिम समाज मे एक बार फिर नई बहस छिड़ गई है। जहाँ एक ओर कुछ महिलाएं सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट हैं वहीँ कुछ का कहना है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को ही तय करना चाहिए था।

ये भी देखें:ट्रिपल तलाक: जनाब वो करिए जो कुरान-ए-पाक कहती है, मुस्लिम देशों में..

परवाज़ सामाजिक संस्था की निदेशक व महिला हिंसा की विरोधी शाहीन परवीन का कहना है, कि पिछले सैकड़ो बरसों से एक साथ तीन तलाक का मामला चला आ रहा है। तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं के लिए आवाज़ उठाना उनके हक़ में सही है लेकिन संसद में किसी भी धर्म को लेकर कानून बनाना वो सरासर गलत है इसमें चाहे हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई कोई भी धर्म हो। धर्म के अंदर रहकर भी महिलाओ को सम्मान और न्याय दिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस मसले पर मुस्लिम धर्मगुरुओं को आगे आना चाहिए। और शरीयत के मुताबिक इसका हल निकालना चाहिए। एक बार में तीन तलाक दिए जाने को पूरी तरह गलत बताते हुए शाहीन परवीन कहती है कि चौदह सौ साल पहले कुछ और रहा होगा लेकिन वर्तमान समय मे महिलाएं और महिला संगठन अपने हक़ के लिए और महिला हिंसा के खिलाफ आगे आ रही है और खुलकर बोलने लगी है। कहा कि धर्म की बात की जाए या फिर कानून की दोनों में महिलाओं को बराबर का दर्जा दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा कानून बनाने के लिए सरकार को 6 महीने का समय दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी सरकार होगी वो अपनी मनमर्ज़ी के मुताबिक कानून बनाएगी। उन्होंने कहा कि यदि शरीयत के मुताबिक कानून नही बनाया गया तो वे इसका पुरजोर विरोध करेंगी।

ये भी देखें:कहीं पायल पहनना खटका तो कहीं पत्नी का सड़क पर आगे चलना, दे दिया तलाक

एक प्राइवेट स्कूल की संचालिका खुशनसीब मिर्ज़ा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है हम उसका सम्मान करते है, लेकिन इस मुद्दे पर अगर कोर्ट खुद फैसला सुनाता तो वो ज्यादा बेहतर था। हम केंद्र सरकार से मांग करते है कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार संसद में कानून बनाये लेकिन शरीयत का पूरा ख्याल रखा जाए। यदि शरीयत को नज़र अंदाज़ कर कानून मुस्लिम समाज पर थोप गया तो उसका विरोध किया जाएगा।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story