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...और जब लखनऊ के मंच पर जीवंत हो उठे तुलसीदास के दोहे
लखनऊ। राजधानी में शनिवार की शाम तुलसीदास को नजदीक से जानने, समझने और उनकी कृतियों को महसूस करने का था। मंच पर विश्व विख्यात निर्देशक व कलाकार पदमश्री शेखर सेन थे। तीन घंटे तक चले श्रीरामचरित मानस के कार्यक्रम में वहां मौजूद हर मन खो गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा महेन्द्र सिंह और पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
ठुमक चलत रामचंद्र...
तुलसीदास के जीवन को उनके दोहों के साथ आगे बढाया गया। ठुमक चलत रामचन्द्र... से कार्यक्रम शुरू हुआ। कार्यक्रम में एकल अभिनय के जरिए आधी रात को ससुराल पहुंचे तुलसीदास को पत्नी रत्नावली से मिली झाड़ का दृश्य कमाल का था। उन्होंने तुलसी दास के साथ पत्नी रत्नावली के भाव की जीवंत अभिव्यक्ति भी की।
20 साल से रोजाना 8 घंटे अभ्यास करते हैं
शेखर सेन अपने एक पात्रीय संगीत नाटक की बदौलत दुनियाभर में मशहूर हैं। उन्होंने तुलसीदास, कबीर दास, सूरदास, स्वामी विवेकानन्द सरीखे श्रेष्ठ व्यक्तित्वों के जीवन की घटनाओं को अपने कला के जरिए प्रस्तुत किया है। सेन ने 1979 से अब तक देश व दुनिया में 1500 से ज्यादा कार्यक्रम किए हैं। जिसमें वे गायक व संगीतकार की भूमिका निभाते रहे हैं। उनके मुताबिक वह 20 साल से रोजाना 8 घंटे अभ्यास करते हैं, तब जाकर परफार्मेंस देते हैं।
देखें वीडियो:
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