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ईद के बाद से लगता है टर्र मेला, कुछ तो है नाता जरूर ईद से
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लखनऊ: ईद पीछे टर्र, सुनने में अटपटा ज़रूर है लेकिन पूरे यूपी में ईद के दूसरे दिन लगभग हर शहर में टर्र मेला लगता है। अवध और उसके आसपास के कई छोटे बड़े शहरों में ये खास टर्र मेला आयोजित होता है। लखनऊ से लेकर रायबरेली, इलाहाबाद, कानपुर, फतेहपुर और उतरौला में ये खास टर्र मेला लोगों का मनोरंजन करता है।
आगे की स्लाइड में देखिए कहां-कहां लगता है टर्र मेला
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लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, फतेहपुर में होता है टर्र मेला
लखनऊ में चिड़ियाघर और उसके आसपास, कानपुर में चमनगंज और बेकनगंज में ईद के दूसरे दिन टर्र का मेला लगता है। इलाहाबाद के मंसूर पार्क के आसपास और अटाला पार्क में टर्र के मेले में हर साल भीड़ उमड़ती है। फतेहपुर बिंदकी में बड़की ईदगाह पर ईद के दूसरे दिन टर्र मेला लगता है।
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क्यों पड़ा नाम ईद पीछे टर्र
इसे टर्र मेला क्यों कहा जाता है इसके बारे में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। प्रख्यात इतिहासकार योगेश प्रवीन बताते हैं कि ईद के दूसरे दिन इलाहाबाद और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में कई दशकों से टर्र मेला लगता है। नवाब मीर जाफ़र अब्दुल्ला के मुताबिक नवाबों के दौर में लखनऊ में ये मेला आलमनगर इलाक़े के पास लगता था। बाद में ईद के दूसरे दिन लोग घूमने के बहाने चिड़ियाघर पर जमा होने लगे और फिर ये टर्र मेला वहीं लगने लगा। इस मेले का नाम टर्र क्यों पड़ा ये कह पाना मुमकिन नहीं, लेकिन ईद के दूसरे दिन लगने वाले इस मेले को ईद पीछे टर्र कहा जाने लगा।
आगे की स्लाइड में देखिए कहां होती है सबसे ज्यादा टर्र की रौनक
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लखनऊ में होती है सबसे ज्यादा रौनक
टर्र मेले की सबसे ज्यादा रौनक रहती है राजधानी लखनऊ में। जहां चिड़ियाघर में हजारों लोग इस मेले में उमड़ते हैं। पिछली बार टर्र मेले में यहां 25192 दर्शक पहुंचे, उससे पहले ये आंकड़ा 21 हजार दर्शकों का था। जबकि वर्ष 2014 में टर्र मेले पर लखनऊ चिड़ियाघर में 9250 हजार दर्शक जुटे।
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