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DM ने कहा- इस बार प्राइवेट स्कूलों को 25 प्रतिशत गरीब बच्चों का करना होगा एडमिशन
यूपी सरकार ने गरीब परिवारों के छात्र-छात्रओं को निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत निशुल्क प्रवेश देने के आदेश दिए थे, लेकिन निजी स्कूलों ने गरीब छात्रों की सीटों पर अमीर स्टूडेंट्स के एडमिशन कर दिए।
बुलंदशहर : यूपी सरकार ने गरीब परिवारों के छात्र-छात्राओं को निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत नि:शुल्क प्रवेश देने के आदेश दिए थे। लेकिन प्राइवेट स्कूलों ने गरीब छात्रों की सीटों पर अमीर स्टूडेंट्स के एडमिशन कर दिए।
पिछले साल जिले में 820 छात्रों का नि:शुल्क प्रवेश लिया जाना था, लेकिन स्कूलों ने लगभग 100 छात्र-छात्राओं का प्रवेश लेकर खानापूर्ति की। बता दें कि डीएम ने सभी निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत नि:शुल्क प्रवेश के लिए बढ़ावा दिया है।
कड़े दिशा-निर्देश के बावजूद भी नहीं लिया प्रवेश
-सरकार के आदेशानुसार बेसहारा, गरीब बच्चों को समान और अच्छी शिक्षा देने के लिए निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत नि:शुल्क प्रवेश करने थे।
-पिछले साल प्रवेश को लेकर शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कड़े दिशा-निर्देश भी दिए।
-लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी अधिकतर स्कूलों में गरीब बच्चों को प्रवेश ही नहीं दिला पाए।
-जबकि सरकार ने प्रवेश न लेने वाले स्कूलों के खिलाफ एफआइआर और मान्यता समाप्त करने के आदेश तक दिए थे।
-कुछ रसूखदार स्कूलों ने तो एक भी प्रवेश नहीं लिया।
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इस साल भी अमीरों की बुकिंग
-सरकार ने जो लक्ष्य शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भेजा था, उसका आधा भी विभाग पूरा नहीं करा पाया।
-जनपद में 47 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें से छह अल्पसंख्यक विद्यालय हैं। जिन पर नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया लागू नहीं होती है।
-इसके अलावा 41 स्कूलों को 25 प्रतिशत प्रवेश लेने थे।
-स्कूल में कक्षा एक में लगभग 80 छात्र-छात्राओं का प्रवेश लिया जाता है।
-इसमें 25 प्रतिशत के हिसाब से प्रत्येक विद्यालय में 20 छात्र-छात्राओं का नि:शुल्क प्रवेश लिया जाना था।
-निजी विद्यालयों को जनपद भर में 820 छात्रों को प्रवेश देना था, लेकिन लगभग 100 छात्र-छात्रओं को प्रवेश देकर खानापूर्ति कर ली।
-इस साल भी निजी स्कूलों ने गरीब छात्र-छात्रओं की सीटों पर अमीरों की बुकिंग कर दी है।
शिकायत के बाद डीएम ने ली मीटिंग
-जिलाधिकारी आंजनेय कुमार को मिली शिकायत के बाद सोमवार को डीएम ने सभी निजी स्कूल की मीटिंग ली।
-मीटिंग में जिलाधिकारी ने फीस वृद्धि किस आधार पर की गई है इसकी एक डिटेली मांगी।
-साथ ही यह भी कहा कि फीस वृद्धि के सापेक्ष क्या सुविधा दी जाएंगी।
-डीएम ने अधिकारियों से कहा कि स्कूल की किताबें, जूते और ड्रेस स्कूल दे रहा है या फिर एक दुकान से ही खरदीने की बात कर रहा है तो इसकी रिपोर्ट तीन दिनों के अंदर हमें दे।
25 प्रतिशत कमजोर बच्चों को मिले एडमिशन
डीएम ने बताया कि प्रमुख मुददा यह भी है कि शिक्षा के आधार के तहत 25 प्रतिशत कमजोर बच्चों को निशुल्क एडमिशन करना ही है। जिसमें शिकायत मिली थी कि हर साल निजी स्कूज ऐसा नहीं करते। इस संबंध में भी निजी स्कूलों से बात की गई। डीएम ने कहा कि इस बार किसी भी तरीके से 25 प्रतिशत कमजोर बच्चों का एडमिशन करना है। साथ ही इस बार बच्चों का पूरा डेटा बीएसए आफिस में फीड रहेगा।