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UP के लिए बेहद कठिन है उमा भारती की शराब बंदी करने की मांग

बीते गुरूवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेत्री उमा भारती ने भाजपा शासित राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की मांग पार्टी अध्यक्ष जेपी नढ्ढा से की है। यही नहीं उन्होंने कहा है कि इसके लिए वह यूपी समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात करेंगी।

Ashiki
Published on: 23 Jan 2021 11:20 AM IST
UP के लिए बेहद कठिन है उमा भारती की शराब बंदी करने की मांग
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यूपी के लिए बेहद कठिन है उमा भारती की शराब बंदी करने की मांग

लखनऊ: बीते गुरूवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेत्री उमा भारती ने भाजपा शासित राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की मांग पार्टी अध्यक्ष जेपी नढ्ढा से की है। यही नहीं उन्होंने कहा है कि इसके लिए वह यूपी समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात करेंगी। पर सबसे अधिक राजस्व देने वाले राज्यों के लिए शराब बंदी करना बेहद कठिन होगा।

बिक्री न होने से रोज 85 से 100 करोड़ के राजस्व का नुकसान

अन्य राज्यों के मुकाबले मेें यदि उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो दिल्ली के बाद सबसे बडे़ सूबे उत्तर प्रदेश ने लाकडाउन के दौरान ही शराब बिक्री पर छूट देने का काम किया था। यहां तक कि लाकडाउन के कुछ दिनों बाद ही शराब और बीयर उत्पादन की अनुमति दी थी। दरअसल लाकडाउन के दौरान पता चला कि शराब बिक्री न होने से रोज 85 से 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। आबकारी ही एक ऐसा विभाग है जो सबसे ज्यादा राजस्व कमाकर देता है।

शराब खरीदने के लिए दुकानों के बाहर लगी लोगों की भीड़

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इसके बाद जब यूपी में मंत्रिपरिषद की बैठक में राजस्व बढ़ाने को लेकर सुझाव मांगे गए तो इसमें सोशल डिस्टेसिंग नियमों का पालन करने के साथ शराब की बिक्री शुरू करने की बात कही गयी थी। पिछले साल ही राज्य सरकार ने मॉल में भी प्रीमियम विदेशी एवं आयातित शराब के ब्रांड बेचने की छूट दे रखी है। राज्य सरकार का मानना है कि विगत कुछ वर्षो से शापिंग माल में खरीदारी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है जिसे देखते हुये इनमें महंगी विदेशी शराब बेचने की अनुमति प्रदान की गयी है।

वहीं दूसरी तरफ उमा भारती का मानना है कि शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है। शराब बंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है किंतु शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं भयावह हैं तथा देश एवं समाज के लिए कलंक है। आपको बता दें, गुजरात में लंबे समय से शराबबंदी लागू है और बिहार में नीतीश सरकार ने शराबबंदी लागू की थी।

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श्रीधर अग्निहोत्री



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