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Budget 2019 के पावन मौके पर करिए ज्ञानवर्धन, जानिए कहां से आया ये बजट शब्द

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। यह बजट सुबह 11 बजे संसद में पेश किया जाएगा। आज आप वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाथ में आप एक 'ब्रीफकेस' देखेंगे, जिसे लेकर हर साल बजट के दिन वित्त मंत्री संसद पहुंचते हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 5 July 2019 10:57 AM IST
Budget 2019 के पावन मौके पर करिए ज्ञानवर्धन, जानिए कहां से आया ये बजट शब्द
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नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। यह बजट सुबह 11 बजे संसद में पेश किया जाएगा। आज आप वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाथ में आप एक 'ब्रीफकेस' देखेंगे, जिसे लेकर हर साल बजट के दिन वित्त मंत्री संसद पहुंचते हैं।

इस साल दूसरी बार यह ब्रीफकेस आपको दिखेगा, क्योंकि चुनाव से पहले सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था, लेकिन इस बार लाल ब्रीफकेस में नहीं मखमली लाल कपड़े में बजट लेकर निर्मला सीतारमण संसद पहुंची है।

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बजट पेश करने से पहले अभी तक आप सभी वित्त मंत्रियों को हाथ में लाल रंग का ब्रीफकेस लेकर संसद भवन जाते देखते रहे होंगे। संसद भवन जाने से पहले वित्त मंत्री अपनी बजट की कोर टीम के साथ मंत्रालय के बाहर फोटो भी खिंचवाते रहे हैं।

ऐसे हुई थी शुरुआत

बैग में बजट की परंपरा 1733 में तब शुरू हुई थी जब ब्रिटिश सरकार के प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री रॉबर्ट वॉलपोल बजट पेश करने आए थे और उनके हाथ में एक चमड़े का थैला था। इस थैले में ही बजट से जुड़े दस्तावेज थे। चमड़े के इस थैले को फ्रेंच भाषा में बुजेट कहा जाता था, उसी के आधार पर बाद में इस प्रक्रिया को बजट कहा जाने लगा।

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लाल सूटकेस का इस्तेमाल पहली बार 1860 में ब्रिटिश बजट चीफ विलिमय ग्लैडस्टोन ने किया था। इसे बाद में ग्लैडस्टोन बॉक्स भी कहा गया और लगातार इसी बैग में ब्रिटेन का बजट पेश होता रहा। लंबे समय बाद इस बैग की स्थिति खराब होने के बाद 2010 में इसे आधिकारिक तौर पर रिटायर किया गया।

1947 में अंग्रेजों से तो भारत को आजादी मिल गई लेकिन बजट की परंपरा अंग्रेजों वाली ही रही। देश के पहले वित्त मंत्री आर.के शानमुखम चेट्टी ने जब 26 जनवरी 1947 को पहली बार बजट पेश किया तो वह भी एक लेदर के थैले के साथ संसद पहुंचे। इसके बाद कई सालों तक इसी परंपरा के साथ बजट पेश होता रहा।

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साल दर साल बदलने वाले बजट बैग में वैसे तो कोई अंतर नहीं आता है, लेकिन इसके रंग में थोड़ा बहुत परिवर्तन देखा जाता रहा है। 1991 में भारत के तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह का ब्लैक बजट प्रसिद्ध है जब भारत में वित्तीय संकट चल रहा था।

हालांकि इसके बाद एक बार वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के हाथ में भी ब्लैक बजट बैग देखा गया था। ऐसे ही अलग-अलग सालों में बजट ब्रीफकेस रंग बदलता रहा है। लेकिन इस बार लाल ब्रीफकेस में नहीं मखमली लाल कपड़े में बजट लेकर वित्त मंत्री संसद पहुंची हैं।



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Dharmendra kumar

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