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अफसर के तबादले के लिए नियम-कानून ताक पर, आदेश के साथ हिदायत भी
योगेश मिश्र
लखनऊ: इसे नौकरशाही का करिश्मा कहें या फिर राजनेताओं का रसूख। एक अफसर के तबादले के लिए सारे के सारे नियम-कानून ताख पर रख दिए गए। हद तो यह है कि यह मुलाजिम भी बहुत बड़ा पद व कद का नहीं है। बावजूद इसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में उसे तैनाती देते हुए तबादला आदेश पर यह तक लिखा गया है कि जिस पद पर इस अफसर का तबादला किया जा रहा है उस पर किसी पीसीएस अधिकारी का तबादला न किया जाए।
इस इबारत से जाहिर है कि यह पद पीसीएस अफसर का है। इस पर गैर पीसीएस अधिकारी बैठाया गया है। जिस अफसर के लिए यह सब कवायद की गई है, उसका नाम अरुण कुमार सिंह है, और पदनाम संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) बनारस है।
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तबादले का किया था अनुरोध
बीते 19 अगस्त को खाद्य एवं रसद अनुभाग एक से अरुण कुमार सिंह का तबादला आदेश अलीगढ़ संभाग से बनारस संभाग में आरएफसी के पद पर भेजने के बाबत जारी हुआ। अरुण कुमार सिंह का यह तबादला आदेश उनके अपने अनुरोध पर किया गया। यह अनुरोध उनका तब स्वीकार किया गया है जब ठीक एक माह पहले वह अलीगढ़ आरएफसी के पद पर भेजे गए थे।
आदेश के साथ 'मुख्य बात'
विभाग के संयुक्त सचीव संतोष कुमार सक्सेना के नाम से जारी इस कार्यालय आदेश के प्रतिलिपि निम्नलिखित का सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित के ठीक नीचे 1 नंबर पर लिखा है - 'अपर मुख्य सचिव नियुक्ति विभाग को इस अनुरोध के साथ प्रेषित कि कृपया संभागीय खाद्य नियंत्रक, वाराणसी के पद पर किसी पीसीएस अधिकारी की तैनाती न करें।'
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आदेश बताता है अधिकारी का रसूख
दिलचस्प यह है, कि एक नॉन पीसीएस अधिकारी के लिए यह आदेश जारी किया गया है, जो इस अफसर के रसूख को बताता है। राज्य में आरएफसी के 18 पद हैं। इनमें 9 पद पीसीएस अफसरों के हैं और 9 पद विभागीय हैं। पहले पीसीएस अफसरों के कोटे में 10 पद थे। गोरखपुर के आरएफसी पद पर भी पीसीएस अफसर ही तैनात होता था। लेकिन अखलेश यादव सरकार ने गोरखपुर को पीसीएस अफसरों के कोटे से निकालकर वहां विभागीय रूप से प्रोन्नति पाए देवराज यादव को तैनात कर दिया। नतीजतन, पीसीएस अफसरों के कोटे में 9 ही पद रह गए।
पीएम के संसदीय क्षेत्र का ये हाल!
अब इनमें से भी वाराणसी के आरएफसी के पद पर विभागीय प्रोन्नति प्राप्त अधिकारी अरुण सिंह को बैठा दिया गया। यह भी हिदायत दे दी गई है कि इस पद पर नियुक्ति विभाग एक तरह से किसी अन्य की तैनाती न करे। बनारस प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है। प्रधानमंत्री नगर आयुक्त जैसे पदों पर पीसीएस की जगह आईएएस अफसर तैनात किए जाने के पक्षधर हैं। उनके गृह राज्य गुजरात में ऐसा होता है। पर उनके ही संसदीय क्षेत्र में पीसीएस अफसर का पद किसी गैर पीसीएस अफसर को देना कितना वाजिब होगा यह तो समय बताएगा। पर इतना तय है कि तबादला आदेश ने विभाग में अरुण कुमार सिंह का रुतबा खासा बढ़ा दिया।