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उन्नाव दुष्कर्म कांड-साजिश : तो अखबार पढ़ने के बाद CJI को लगा झटका
विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उन्नाव के दुष्कर्म कांड के बाद अब इनकी रायबरेली में हुए सड़क हादसे को लेकर मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सीबीआई ने बुधवार की सुबह रायबरेली पहुंच कर केस डायरी अपने कब्जे में ले ली और घटना स्थल पर पहुंच कर जाँच में जुट गयी है। लेकिन उन्नाव रेप केस कलो लेकर एक नया चौकाने वाला मामला सामने आया है।
लखनऊ: विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उन्नाव के दुष्कर्म कांड के बाद अब इनकी रायबरेली में हुए सड़क हादसे को लेकर मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सीबीआई ने बुधवार की सुबह रायबरेली पहुंच कर केस डायरी अपने कब्जे में ले ली और घटना स्थल पर पहुंच कर जाँच में जुट गयी है। लेकिन उन्नाव रेप केस कलो लेकर एक नया चौकाने वाला मामला सामने आया है।
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पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी
आपको बता दें, कि पीड़िता की मां का दावा है कि करीब दो हफ्ते पहले ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी। लेकिन ये लैटर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को मिली ही नही थी। वहीँ अब बुधवार को अदालत में सुनवाई के दौरान CJI का कहाना कि उन्हें अखबार से पता चला कि पीड़िता की मां के द्वारा उन्हें चिट्ठी लिखी गई थी। वहीँ अब उन्नाव रेप केस पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने तलब कर दिया है और इस मामले में गुरुवार को सर्वोच्च अदालत सुनवाई करेगी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का बयान
आज जब चीफ जस्टिस के सामने POCSO एक्ट से जुड़ा एक मामला आया तो उन्होंने उन्नाव मसले पर अपनी बात कही। CJI ने कहा कि आज सुबह मैंने अखबारों में पढ़ा कि पीड़िता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी गई है। लेकिन मुझे चिट्ठी के बारे में कल ही पता लगा था। मेरे पास अभी तक चिट्ठी नहीं आई है।
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वहीँ खफा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कहाना है कि हम यहां पर इस तरह के माहौल के बीच भी सही व्यवस्था को स्थापित करना चाह रहे हैं, लेकिन फिर इस तरह की बातें निकल कर सामने आती हैं।
बता दें कि इसी के साथ चीफ जस्टिस ने अदालत के रजिस्ट्रार को पीड़िता के द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर रिपोर्ट और इस बारे में जवाब देने को कहा है कि अभी तक ये चिट्ठी उनके सामने क्यों नहीं आई थी। गुरुवार को जब सुनवाई होगी तो ये रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी, इसके साथ ही पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी।
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इसी साल जनवरी में पीड़िता की मां की तरफ से चिट्ठी लिखी गई थी, चिट्ठी में इस मामले को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की गयी थी, ताकि इसमें निष्पक्ष तरीके से जांच की जाए।