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उन्नाव रेप केस मामले में पुलिस को मिली क्लीन चिट, यहां जानें पूरा मामला
उन्नाव रेप पीड़िता के जिंदा जला देने के बाद मौत हो गई है। जिस पर घटना की चौतरफा निंदा हो रही। विपक्षी दलों के हमले के चलते सरकार और पुलिस तंत्र कटघरे में आ गया है।
रायबरेली: उन्नाव रेप पीड़िता के जिंदा जला देने के बाद मौत हो गई है। जिस पर घटना की चौतरफा निंदा हो रही। विपक्षी दलों के हमले के चलते सरकार और पुलिस तंत्र कटघरे में आ गया है।
वहीं महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने पूरे मामले में पुलिस को क्लीन चिट पकड़ा कर आग में घी डालने का काम किया है। शुक्रवार देर रात उन्नाव रेप कांड मामले में लालगंज कोतवाली पुलिस से पूछताछ करने पहुंची महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने मीडिया से बात की।
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कोई लापरवाही नहीं बरती गई: महिला आयोग
उन्होंने कहा कि लालगंज थाना आने का सबसे बड़ा रीजन यही था कि जितनी भी जानकारी प्राप्त हुई, जब शिकायत दर्ज हुई थी उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई फिर चार्ज शीट फ़ाइल हुई। कोई लापरवाही नहीं बरती गई।
आरोपी अरेस्ट हो गए थे, अब हाईकोर्ट से बेल लाने में पुलिस का कोई इनमूवमेंट नहीं है। अब आरोपी हाईकोर्ट के माध्यम से बेल लाएं हैं, तो पुलिस के माध्यम से कोई लापरवाही नहीं है। न तब थी न वो आज है। न ही परिवार से मिलकर ऐसी बात सामने आई है।
सुषमा सिंह ने कहा की पीड़िता के पिता से मैने बात की है, उनकी भाभी से बात की है। उनके जीजा और बुआ भी वहां पर थे। सभी से बात होने के बाद पटा चला के वो पूरी तरीके से संतुष्ट हैं कार्यवाही हो गई है। पांचों आरोपी गिरफ्तार हैं, रिमांड में हैं। कड़ी से कड़ी सजा मिले ऐसा उनकी तरफ से भी है और सरकार भी यही चाहती है।
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3 दिसंबर 2018 को पुलिस में शिकायत
हालांकि सुषमा सिंह जिस पुलिस को शुरू से मामले में क्लीन चिट दे रही उसका पुलिस का चेहरा ये है कि 12 दिसंबर 2018 को शिवम और शुभम ने रायबरेली के लालगंज इलाके में पीड़िता के गैंगरेप किया था। 13 दिसंबर 2018 पीड़ित ने थाना लालगंज में घटना की शिकायत की। सुनवाई नहीं हुई थी।
20 दिसंबर 2018 पीड़ित ने रायबरेली के एसपी को डाक के जरिए शिकायत भेजी थी फिर भी केस दर्ज नहीं हुआ था। इस बीच दिसंबर 2018 से फरवरी 2019 तक पीड़ित और उसका परिवार नेता, अधिकारियों के पास केस दर्ज कराने के लिए गुहार लगाता रहा था।
अंत में 04 मार्च 2019 रायबरेली कोर्ट के आदेश पर थाना लालगंज में शिवम और शुभम पर केस दर्ज किया गया। और 14 अगस्त 2019 को शिवम और शुभम की संपत्तियों की कुर्की के लिए पुलिस को आदेश मिला। तब कहीं जाकर 19 सितंबर 2019 को शिवम ने कोर्ट में सरेंडर किया था और शुभम फरार रहा।
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