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Unnao News: धूम-धाम से होगा साकेत धाम में 152वां श्री राम लीला महोत्सव, तैयारियां पूरी
Unnao News: बता दें की आठ दिवसीय आयोजन में इस बार कई आधुनिक तरीके से महोत्सव होगा। 12 को ध्वज यात्रा के बाद ध्वजा रोहण और भूमि पूजन के साथ आयोजन शुरू होगा।
Unnao News: उन्नाव मे इस बार बड़ी ही धूम-धाम से भव्यता के साथ साकेत धाम मे 152वां श्री राम लीला महोत्सव होगा। आठ दिवसीय आयोजन में इस बार कई आधुनिक तरीके से महोत्सव होगा। 12 अक्टूबर को ध्वज यात्रा के बाद ध्वजा रोहण और भूमि पूजन के साथ शुरू आयोजन होगा। श्री राम लीला कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि इस बार का आयोजन 12 अक्टूबर से सुरु होकर 19 अक्टूबर 2024 को श्री राम राज तिलक के साथ पूर्ण होगा।
इस बार का आयोजन जर्मन हंगर पंडाल में बड़ी ही भव्यता के साथ होगा मंच पर एलईडी प्रोजेक्टर लगा रहेगा। 12 अक्टूबर को शहर के बड़े श्री हनुमान मंदिर से घ्वज यात्रा शाम 4 बजे सुरु होगी जो की साकेत धाम श्री राम लीला मैदान में आकर पूर्ण होगी उसके बाद पूजन अर्चन होगा अगले दिन 13 अक्टूबर को शाम 6 बजे से 14 अक्तूबर की सुबह 8 बजे तक देश के प्रसिद्ध कलाकारों के द्वारा धनुष यज्ञ का सुंदर मंचन होगा।
बता दें की आठ दिवसीय आयोजन में इस बार कई आधुनिक तरीके से होगा महोत्सव,12 को ध्वज यात्रा के बाद ध्वजा रोहण और भूमि पूजन के साथ आयोजन शुरू होगा। 17 अक्टूबर को शहर का दशहरा मेला होगा और उसी दिन रावण दहन होगा। इस बार का रावण का पुतला 60 फिट का होगा। मैदान में इस बार पहाड़ों के बीच में मां वैष्णो देवी के दर्शन होंगे। मैदान में बन रही भव्य गुफा के जरिए लोगो को बाल गंगा, चरण पादुका, अर्थ कुमारी के बाद माता के दर्शन होंगे उसके बाद भैरव बाबा और अमर नाथ के दर्शन भी होंगे। बिहार के कारीगरों के द्वारा मां का मंदिर बनाया जा रहा है। 12 अक्टूबर से ही मैदान में कई सारे खुले मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे।
साकेत धाम में 152वीं श्री राम लीला महोत्सव का आयोजन धूमधाम और भव्यता के साथ होने वाला है। यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन है, जो भगवान राम के जीवन और उनकी लीलाओं को दर्शाता है। इस आयोजन में स्थानीय कलाकारों द्वारा अभिनय, संगीत और नृत्य का अद्भुत संयोजन होता है, जो दर्शकों को आकर्षित करता है। राम लीला महोत्सव में भगवान राम की जीवन कहानी का मंचन किया जाता है, जिसमें राम के जन्म से लेकर उनके वनवास, रावण के साथ युद्ध और अंत में उनकी विजय की कहानी दिखाई जाती है। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी रखता है। इस आयोजन के दौरान, साकेत धाम में बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं और भगवान राम की लीलाओं का आनंद लेते हैं। यह एक अद्भुत अनुभव होता है, जो दर्शकों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाता है।