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Unnao News: BJP विधायक व DM SP ने पेश की हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल, तकिया मेले का हुआ शुभारंभ
Unnao News: मेले में विधायक, डीएम, एसपी,सीडीओ ने मेले में कव्वाली भी सुनी। विधायक समिति जिले का अधिकारियों ने जिन हाथों से मजार पर चादर चढ़ाई उन्हें हाथों से मंदिर में आरती की।
Unnao News: उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव में हिन्दू-मुस्लिम एकता व साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक एवं सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक तकिया मेले का शुभारम्भ परम्परागत रूप से सूफी संत बाबा मोहब्बत शाह और उनके शिष्य नियामत शाह की मजार पर चादर पोशी और सहस्त्र लिंगेश्वर महादेव मन्दिर में पूजा अर्चना, शिव आरती एवं जलाभिषेक तकिया मेले का शुभारंभ किया गया।
हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल तकिया मेला का गुरुवार को भगवंतनगर विधायक और डीएम, एसपी ने मजार पर चादरपोशी व मंदिर में पूजा अर्चना, शिव आरती कर मेले का शुभारंभ किया। विधायक, डीएम, एसपी,सीडीओ ने मेले में कव्वाली भी सुनी। विधायक समिति जिले का अधिकारियों ने जिन हाथों से मजार पर चादर चढ़ाई उन्हें हाथों से मंदिर में आरती की। एक महीने से ज्यादा चलने वाले इस मेले में दूर-दूर से व्यापारी आते हैं। तकिया मेला आसपास के जिलों में लगने वाले बड़े मेलों में से एक है। इस मेले में गाय भैंस, घोड़े, ऊंट तक बेचे जाते है। उन्नाव जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर उन्नाव रायबरेली मार्ग पर इस तकिया बाजार स्थित है। यहां पर भोले बाबा सहस्त्र लिंगेश्वर महादेव का मंदिर और सूफी संत मोहब्बतशाह की दरगाह एक ही परिसर में स्थित है। यहां हर वर्ग और जाति-धर्म के लोग आते हैं। भोले बाबा के दर्शन करने के साथ दरगाह में शीश झुकाते है। यह सिलसिला सालों से चला आ रहा है। जानकर बताते हैं कि मोहब्बत शाह के शिष्य न्यामत शाह की याद में इस मेले की शुरुवात 400 साल पहले हुई थी, तब से यह मेला लगता चला आ रहा है।
हिंदू मुस्लिम एकता
हिंदू-मुस्लिम एकता और सदभाव का प्रतीक बन चुका तकिया मेला वाकई में दूर-दूर से आने वाले लोगों के लिए मिशाल है। यहां एक तरफ मोहब्बत शाह बाबा की मजार है तो दूसरी तरफ विख्यात लिंगेश्वर महादेव का मंदिर है। यहां आने वाले हर वर्ग के लोग दर्शन जरूर करते हैं। मेले में आया हर नागरिक पहले बाबा मोहब्बत शाह बाबा वह उनके शिष्य नियामत शाह की मजार पर चादर पोशी करने के साथ ही फिर वह सहस्त्र लिंगेश्वर महादेव का मंदिर में पूजा अर्चना करता है। मानता है कि जो भी सच्चे मन से इस पवित्र स्थल पर आता है उसकी सारी मुरादे पूरी होती है। मेले की शुरुआत प्रतिवर्ष पौष माह के प्रथम गुरुवार से होती हैं। गुरुवार को इसी क्रम में बात और मुख्य अतिथि के रूप में भगवतनगर विधानसभा से भाजपा के (विधायक आशुतोष शुक्ला) व (जिला अधिकारी, अपूर्वा दुबे) (मुख्य विकास अधिकारी, ऋषिराज) (उन्नाव पुलिस अधीक्षक, सिद्धार्थ शंकर मीणा) के द्वारा सहस्त्र लिंगेश्वर महादेव का मंदिर में पूजा करने के साथ ही मोहम्मद शाह बाबा की मजार पर चादर पोशी कर तकिया मेला का शुभारंभ किया। ऐतिहासिक तकिया मेला 28 दिसम्बर 2023 से 14 जनवरी 2024 तक आयोजित किया जायेगा। इस मेले में हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इसलिए इस मेले को हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक भी माना जाता है।
सरकारी योजनाओं को मिले लाभः डीएम
जिलाधकारी अपूर्वा दुबे ने मेले में चिकित्सा, पशुपालन, सिंचाई, उद्यान, जैविक खेती सहित विभिन्न विभागों द्वारा लगायी गयी सरकारी योजनाओं से सम्बन्धित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कहा कि मेले के दौरान इस क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करने का प्रयास किया जाए। मेले में ऊॅट, घोड़ा, गाय, भैस, बकरी व भेड़ आदि की बड़ी खरीददारी होती है। दूर-दूर से व्यापारी और किसान जानवर खरीदने के लिए यहाॅ आते है। इस मेले का व्यापारिक तौर पर जितना महत्व है, उतना ही ग्रामीणों के लिए मनोरंजन एवं दैनिक कार्यो में प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं के खरीदने की भी उत्तम जगह है। एक तरफ मेला सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है, वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण लोगों की जीविका का भी स्रोत है।
हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक यह मेलाः विधायक
मेला के शुभारम्भ पर क्षेत्रीय विधायक आशुतोष शुक्ल ने कहा कि तकिया मेला धार्मिक संकीर्णता में जकड़े लोगों के लिए सर्वधर्म समभाव का संदेश देता है। हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक यह मेला तकरीबन 400 वर्षो से भी अधिक समय से साम्प्रदायिक सद्भाव की अनवरत ज्योति जलाता चला आ रहा है। विधायक ने कहा कि इस उन्नाव की धरती पर कभी भी हिंदू मुस्लिम नहीं हुआ है। यह मेला सांप्रदायिक सौहार्द का सबसे बड़ा प्रमाण है। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस ऐतिहासिक तकिया मेले की मान्यता पूरे प्रदेश व देश में है, यहाॅ गंगा-जमुनी तहज़ीब देखने को मिलती है।
एक ओर मजार पर लोग सज़दा करते हैं तो वहीं दूसरी ओर लोग शिव मन्दिर में माथा टेक कर अपने इष्टदेव की आराधना करते नज़र आते हैं।यह एक ऐसा मेला है जहाँ दोनों समुदाय के लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। अगली बार से इस मेले को पंजीकृत मेले के रूप में दर्ज कराया जायेगा जिससे पूरे देश में मेले इसकी ख्याति बढ़ेगी। इस अवसर पर सीडीओ ऋषि राज, मेलाधिकारी/उप जिलाधिकारी बीघापुर क्षितिज द्विवेदी, क्षेत्राधिकारी बीघापुर माया राय, तहसीलदार अरसला नाज़ सहित मेला समिति के सदस्य गण आदि उपस्थित रहे।