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Unnao News: कोहरे ने ढका शहर, दुकानों पर नहीं दिखे ग्राहक, आग सेंकते रहे दुकानदार

Unnao News: सुबह सूरज की हल्की की किरण पड़ने के बाद अचानक आसमान में घना कोहारा छा गया। देखते ही देखते पूरा शहर कोहरे की चादर से ढक गया।

Shaban Malik
Published on: 14 Jan 2024 11:02 AM GMT
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कोहरे ने ढका शहर, दुकानों पर नहीं दिखे ग्राहक (न्यूजट्रैक)

Unnao News: आज जब सुबह हुई और उठे तो देखा कोहरे की चादर से उन्नाव शहर ढक गया। सुबह सूरज की हल्की की किरण पड़ने के बाद अचानक आसमान में घना कोहारा छा गया। देखते ही देखते पूरा शहर कोहरे की चादर से ढक गया। इस कारण सड़क पर दौड़ने वाले वाहनों की रफ्तार धीमी हो गयी। सुबह के समय उन्हें लाइट का सहारा लेना पड़ा। बस कुछ ही देर बाद छटे कोहरे ने लोगों को ठंड का एहसास दिला दिया। घरों से कामकाज के लिए बाहर निकलने वाले लोग घर में ही रुक गए। पर परिवार चलाने वालों के सामने कोहरे की चादर कुछ कर न सकी। दुकानदारों ने दुकानों की चाबी उठाई और निकल पड़े कड़ाके की ठंड में और खोल दी दुकान। पर सुबह से लेकर 11 बजे तक दुकानों पर एक भी कस्टमर नहीं पहुंचा पर दुकानदारों ने ठंड से बचने के लिए 100 से 150 रुपए की लकड़ी जला दी। मगर दुकानदारी एक रुपए की नहीं हुई। कोई दुकानदार अपनी दुकान के बाहर कोयले की अंगीठी जला रहा है तो कोई दुकानदार लकड़िया ताप रहा है।

अब चलिए सुनते हैं उन दुकानदार को जो सुबह अपने परिवार का पेट पालने के लिए कड़ाके की ठंड में दुकान की चाभी उठाकर और निकल पड़ते हैं दुकान की ओर सुबह 11 से 12 बजे तक एक भी ग्राहक नहीं पहुंचता है। सदर बाजार में एक ऑप्टिकल्स की दुकान के मालिक ने बताया ठंड इतनी ज्यादा है इतना ज्यादा कोहरा है कि कोई भी कस्टमर दो-तीन दिन से नहीं आ रहे हैं हम लोग आग ताप कर यहां पर अपना समय बिता रहे हैं जब हम लोग सुबह 10 बजे आए थे तब अच्छा खासा कोहरा था और अभी भी बहुत ज्यादा कोहरा है। पूरा दिन भर ऐसे ही बैठकर आज तापते रहते हैं कोई भी कस्टमर नहीं आता है। 100 डेढ़ सौ रुपए की डेली लकड़ी ताप डालते हैं। कोयला भी मंगाते हैं और लकड़ी भी मंगाते हैं। लकड़ी और चाय पानी मिलाकर हम लोगों का दो ढाई सौ रुपए डेली का खर्चा हो जाता है और एक भी ग्राहक नहीं आता है दुकानदारी नहीं होती है।

रोजमर्रा का सामान बेचने वाले परचून की दुकान रखें अतुल गुप्ता (कुल्लू) ने बताया कि जब हमने दुकान खोला था तब कोहरा बहुत ज्यादा था इतने घने कोहरे में हमने दुकान खोली दुकान खोलने के बाद हमने अपने तापने का इंतजाम किया और यहां पर भट्टी लगाकर हम लोग ताप रहे हैं। जब हमने सुबह 7ः30 बजे दुकान खोली थी तब कोहरा बहुत ज्यादा था और कस्टमर भी नहीं आ रहे हैं हम काम से कम 40 ₹50 का कोयला ताप डालते हैं।

आज जब सुबह हुई तो इतना ज्यादा कोहरा था कि कुछ दिन तक नहीं रहा था और ठंड भी अपना एहसास दिला रही थी। अपने परिवार को चलाने वाले रोजाना काम पर जाने वाले लोग भी घरों से जब निकल रहे हैं तो गर्म कपड़े सर में टोपा हाथ में दस्ताने पहनकर निकल रहे हैं। पर उन्नाव के सदर बाजार में दुकानों पर ठंड के कारण सन्नाटा पसरा हुआ है। किसी भी दुकान पर एक भी ग्राहक नहीं पहुंच रहा है आलम यह है कि दुकानदारों को खुद ठंड से बचने के लिए आग का सहारा लेना पड़ रहा है। दुकानदार अपनी दुकानों के बाहर आग जला रहे हैं आसपास के दुकानदार भी उनके पास आकर बैठ रहे हैं और ठंड से राहत पा रहे हैं। दोपहर के 2 बजने तक भी आसमान में घना कोहरा छाया रहा लोग अपनी गाड़ियों की लाइट के सहारे सड़क पर धीमी गति की रफ्तार से निकलते रहे।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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