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Unnao News: ऐतिहासिक रामलीला में राम लक्ष्मण ने तीर चलाकर रावण दहन किया पूरा, जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा पंडाल
Unnao News: उन्नाव में परंपरागत रूप से दशहरा के पांचवें दिन गुरुवार को शरद पूर्णिमा के अवसर पर साकेत धाम और श्रीराम लीला मैदान में श्रीराम-रावण युद्ध का मंचीय अभिनय किया गया।
Unnao ravan dahan 2024 (photo: social media )
Unnao News: उन्नाव में रावण दहन का आयोजन बहुत ही धूमधाम से किया गया। इस आयोजन में राम लक्ष्मण ने तीर चलाकर रावण दहन किया। पूरा पंडाल "जय श्रीराम" के नारों से गूंज उठा। इस आयोजन में श्रीराम-रावण युद्ध का मंचन किया गया, जिसमें राम, लक्ष्मण और हनुमान ने अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रावण के दहन के साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया गया। इस आयोजन में स्थानीय लोगों के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी लोग आए और इस भव्य आयोजन का आनंद लिया। रावण दहन के बाद आतिशबाजी और फुलझड़ी की झलकियाँ भी देखने को मिलीं वंही रावण दहन के बाद रामलीला से शहर मे झाँकियां भी निकली।
उन्नाव में परंपरागत रूप से दशहरा के पांचवें दिन गुरुवार को शरद पूर्णिमा के अवसर पर साकेत धाम और श्रीराम लीला मैदान में श्रीराम-रावण युद्ध का मंचीय अभिनय किया गया। इसके बाद रावण का विशाल पुतला जलाया गया। जैसे ही रावण का पुतला आग में जलने लगा रामलीला मैदान "जय श्रीराम" के नारों से गूंज उठा। इस वर्ष शहर की सबसे पुरानी श्रीरामलीला कमेटी द्वारा 152 वें श्रीरामलीला महोत्सव का आयोजन किया गया। समिति के कार्यकर्ताओं के निर्देशन और व्यास स्वामी भरद्वाज के संचालन में लंका दहन, रामसेतु निर्माण, अंगद संवाद, मेघनाद और कुम्भकरण वध की लीलाओं का मंचन किया गया। इसके बाद, श्रीराम और रावण के बीच युद्ध का भव्य मंचन हुआ। जब रावण धराशायी हुआ, तब राम ने तीर से 65 फुट ऊंचे रावण के पुतले में आग लगाई। इस दौरान गोला पटाखा और आतिशबाजी का नजारा भी देखने को मिला। रावण का अहंकार पुतला के रूप में जलने लगा और मैदान में उपस्थित दर्शकों ने जय श्रीराम के नारों के साथ इस अद्भुत दृश्य का आनंद लिया।
शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी हुए शामिल
इस बार के दशहरा महोत्सव में उन्नाव शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी शामिल हुए। बड़ी संख्या में लोग इस पुतला दहन को देखने पहुंचे। विशेषकर बच्चों में इस महोत्सव को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला। दर्शकों के बीच बच्चे खासतौर पर झूलों का आनंद लेते नजर आए। हालांकि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार दशहरा मेला कुछ फीका रहा। लेकिन भीड़ में कमी नहीं आई।