TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Unnao News: भारत और बांग्लादेश का दूसरा टेस्ट मैच काली मिट्टी की पिच पर, जानें खासियत

Unnao News: भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के लिए इस्तेमाल की गई मिट्टी को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से ले जाया गया है।

Shaban Malik
Published on: 27 Sep 2024 5:24 AM GMT
Unnao News: भारत और बांग्लादेश का दूसरा टेस्ट मैच काली मिट्टी की पिच पर, जानें खासियत
X

काली मिट्टी की पिच  (photo: social media ) 

Unnao News: आज कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच होने जा रहा है। लोगों मे मैच देखने का उत्साह बढ़ता जा रहा है । साथ ही दर्शक उस अनोखी पिच के बारे में जानने को उत्सुक हैं जो इस मुकाबले के लिए तैयार की गई है। पिच की संरचना काफी खास है। क्योंकि इसमें एक छोटे से गांव से प्राप्त एक विशेष प्रकार की मिट्टी शामिल है, जो दिलचस्प गेमप्ले गतिशीलता की ओर ले जाती है।

भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरे टेस्ट मैच के लिए इस्तेमाल की गई मिट्टी को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से ले जाया गया है। विशेष रूप से कानपुर ग्रीन पार्क से लगभग 30 किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत ऊगु के गांव में स्थित एक तालाब जिसे 'काली मिट्टी' के नाम से जाना जाता है। यह मिट्टी अपनी विशिष्ट विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है, जो क्रिकेट के लिए अनुकूल पिच बनाने में फायदेमंद है। यंहा के पूर्व प्रधान नत्थूलाल रावत का कहना हैं कि यहां की मिट्टी स्टेडियम में पिच बनाने के काम आती है। यहां से कई जगह मिट्टी गई है। 20 साल से लगभग मट्टी जाती है, जैसे कानपुर,लखनऊ, फतेहगढ़ और कई कॉलेज वाले पिच बनाने के लिए भी मिट्टी ले जाते हैं। यहां पर अधिकारी आते हैं, मिट्टी को चेक करते हैं, वही लोग यहां से मिट्टी भरवा कर ले जाते हैं। या बहुत अच्छी मिट्टी होती है पिच के लिए। यही के स्थानीय निवासी राम प्रसाद ने बताया कि, यह काली मिट्टी है, यह बहुत ही हार्ड होती है। यह स्टेडियम में पिच बनाने के काम आती है। यह मिट्टी सूखने के बाद बहुत ज्यादा टाइट हो जाती है। कई सालों से यहां से पिच के काम के लिए मिट्टी जा रही है।

काली मिट्टी की पिच

पिच का प्रदर्शन टेस्ट मैच के नतीजे को काफी प्रभावित करता है और मिट्टी की प्रकृति इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। काली मिट्टी की पिच में आमतौर पर सघन संरचना होती है और यह अधिक नमी बरकरार रखती है, जिससे गेंद की उछाल को अपेक्षाकृत कम रखते हुए गेंदबाजों के लिए उत्कृष्ट पकड़ मिलती है। इसका परिणाम यह होता है कि स्पिन गेंदबाज़ फलने-फूलने लगते हैं। लाल मिट्टी की पिचों के विपरीत, जो तेज गेंदबाजों को मदद करती हैं - जैसा कि चेन्नई में हाल के मैच के दौरान देखा गया । कानपुर की पिच से स्पिनरों को काफी फायदा होने की उम्मीद है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story