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Unnao Rape Case: कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, पीड़िता का पलटवार
Unnao Rape Case: पीड़िता ने कई बार न्याय की गुहार लगाई, लेकिन सेंगर का राजनीतिक प्रभाव और उसके समर्थकों का दबाव यह सुनिश्चित करने में सफल रहा कि उसे पहले कभी सजा नहीं मिल पाई।
Unnao Rape Case: उन्नाव रेप केस के मुख्य आरोपी और पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। अदालत ने सेंगर को एम्स नई दिल्ली में इलाज के लिए भर्ती करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि एम्स के चिकित्सा अधीक्षक अदालत को यह सुझाव देंगे कि क्या सेंगर का इलाज दिल्ली स्थित एम्स में संभव है या नहीं। इस आदेश के बाद उन्नाव रेप पीड़िता ने एक वीडियो जारी कर इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने वीडियो में कहा कि उन्हें सीबीआई, एम्स और अस्पताल के डॉक्टरों पर भरोसा नहीं है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि सेंगर जैसे बड़े आदमी को न्याय मिलने के बाद उसे कोई भी सजा नहीं मिल पाती, और यह पूरी प्रक्रिया उनके और उनके परिवार के खिलाफ साजिश हो सकती है।
पीड़िता ने वीडियो में अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा, “यहां सब लोग मिलकर कुछ भी कर सकते हैं, क्योंकि सेंगर एक पूर्व विधायक है और उनका प्रभाव बहुत बड़ा है। मैं नहीं चाहती कि उनका इलाज एम्स में हो। मुझे नहीं लगता कि वहां उनका इलाज सही तरीके से किया जाएगा, क्योंकि पूरी व्यवस्था उनके पक्ष में काम कर सकती है।”
उन्होंने आगे कहा कि उनके घर के लोग भी सेंगर के प्रभाव से डरते हैं और इस मामले में एक निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। पीड़िता ने यह भी कहा कि उन्हें तिहाड़ जेल के प्रशासन पर भी भरोसा नहीं है, और यह कि उनके इलाज के दौरान उनका परिवार पूरी प्रक्रिया से अंजान रहना चाहिए। पीड़िता ने यह सुझाव दिया कि सेंगर का इलाज कहीं और कराया जाए, जहां उनकी दखलअंदाजी की संभावना कम हो और पूरा इलाज पारदर्शी तरीके से हो सके।
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब 2017 में उन्नाव जिले के माखी गांव में सेंगर पर एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा। पीड़िता ने कई बार न्याय की गुहार लगाई, लेकिन सेंगर का राजनीतिक प्रभाव और उसके समर्थकों का दबाव यह सुनिश्चित करने में सफल रहा कि उसे पहले कभी सजा नहीं मिल पाई। कुलदीप सिंह सेंगर को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, और जुलाई 2019 में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल भेज दिया था। लेकिन, अब उन्हें स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इलाज के लिए अंतरिम जमानत दी गई है, जिसे लेकर पीड़िता ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।
यह पहली बार नहीं है जब पीड़िता ने सेंगर के खिलाफ अपने आरोपों को दोहराया है। इससे पहले, उन्होंने न्यायालय से अपील की थी कि सेंगर को कठोर सजा दी जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई में कोई भी राजनीतिक हस्तक्षेप न हो।इस बीच, पीड़िता और उसके परिवार को डर है कि कुलदीप सेंगर के पास अब भी अपनी पहुंच और प्रभाव हो सकता है, जो उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की न्यायिक कार्रवाई में बाधा डाल सकता है। उनके परिवार ने भी इस बार अदालत से अपील की है कि वह सेंगर को किसी भी प्रकार की जमानत न दें, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उन्हें और उनके परिवार को खतरा हो सकता है।