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Unnao: 1300 से अधिक बिकी शराब की बोतलें, मगर हालत तीन की ही बिगड़ी, जयकरन के बयान से उलझी पुलिस
Unnao: उन्नाव में शराब पीने से दो लोगों की मौत के मामले में पुलिस की उलझने बढ़ती जा रही है। वहीं हैलट अस्पताल में भर्ती तीसरे शख्स का लगातार बयान बदलना भी समझ से परे हो रहा है।
Unnao News: शराब से दो लोगों की मौत की जानकारी होने पर लखनऊ आईजी रेंज तरुण गाबा सोहरामऊ थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव पहुंच गए। जहां एसपी के साथ उन्होंने जांच पड़ताल की। बताया जा रहा है कि मंगलवार को तेरह सौ से अधिक क्वार्टर की बिक्री हुई थी। आखिर इन तीन लोगों की ही क्यों हालत बिगड़ी? छानबीन में पता चला कि जहरीला शराब होती तो दो घंटे के अंदर ही रिएक्शन कर जाती। हैलट में भर्ती जयकरन भी लगातार बयान बदल रहा है। जिसकी वजह से घटना उलझती जा रही है।
गुरुवार को सोहरामऊ थाना क्षेत्र अंतर्गत दो बुजुर्गो की मौत मामले की जानकारी आईजी तरुण गाबा को हुई। सूचना मिलने पर वह सोहरामऊ थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव बीती रात पहुँच गए और उन्होंने एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना के साथ मामले की जांच पड़ताल की। छानबीन में बताया जा रहा है कि मंगलवार को ठेका से करीब तेरह सौ क्वार्टर शराब की बिक्री हुई थी। अगर शराब जहरीला होती तो सभी की हालत बिगड़ जाती। आखिर तीन लोगों की ही हालत कैसे बिगड़ गई? बताया जा रहा है कि अगर जहरीली शराब होती तो दो घंटे के अंदर रिएक्शन होने लगता है। मगर शराब पीने के बाद दूसरे दिन तीनों की हालत बिगड़ने की बात सामने आ रही है।
दो सैंपल लेकर ठेका किया गया सील
सोहरामऊ थाना क्षेत्र के दो लोगों की मौत के बाद पुलिस टीम ने सोहरामऊ स्थित देशी शराब ठेका की जांच पड़ताल की। सोहरामऊ कस्बा स्थित ठेका उत्तराखंड के मूल निवासी गोपाल सिंह के नाम होना बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने ठेका से शराब के दो सैम्पल लेकर सील कर दिया है।
मौत का कारण स्पष्ट नहीं, डॉक्टरों ने बिसरा कराया सुरक्षित
हुलासी व पृथ्वीपाल के शवों का तीन डॉक्टरों के पैनल व वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराया गया। पैनल में जिला अस्पताल के डॉक्टर विकास कुमार व बृज कुमार और सीएचसी अचलगंज के डॉक्टर आशुतोष वार्ष्णेय मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारण की स्पष्ट नहीं हो सका। तब डॉक्टरों के पैनल ने जांच के लिए बिसरा सुरक्षित कराया गया है। बताया जा रहा है कि फूड प्वाइजनिंग से भी मौत हो सकती है। जिसके चलते पेट में मिले भोजन व तरल पदार्थ को भी जांच पड़ताल के लिए सुरक्षित कराया गया है।
41 की मौत व 12 लोगों की जा चुकी है आंखों की रोशनी
जिले में अट्ठारह सालों में शराब पीने से करीब 41 लोगों की मौत और एक दर्जन लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है। बतातें चलें कि 2015 में हुई तीन घटनाओं में करीब 21 लोगों की मौत हो गई थी।
शराब पीने से ये हो चुकी हैं मौत
-2005 मार्च माह में बांगरमऊ के असायस गांव में सगे भाईयों समेत 7 लोगों की मौत व पांच लोगों की आंखें चली गई थी
-2006 में आसीवन के अरेरकला गांव में कच्ची शराब पीने से 12 की मौत व 7 की आंखें चली गई।
-12 जनवरी 2015 को लखनऊ से लाई गई शराब से हसनगंज के ताला सराय व बंथरा गांव में 12 लोगों की मौत -04 जून 2015 में शहर के जुराखनखेड़ा मोहल्ला में रहने वाले चार लोगों की मौत
-23 अगस्त 2015 को सदर कोतवाली के निबहरा (करोवन) गांव में रहने वाले पांच लोगों की मौत
-17 फरवरी 2018 में हसनगंज कोतवाली क्षेत्र के हरौनी शमसुद्दीनपुर गांव मिथलेश की शराब पीने से हुई थी मौत।