×

Expressway Accident: तीन राज्यों के परिवहन अफसरों को चकमा देकर राजधानी तक जाती थी बस, अब मालिकों को देना होगा हर्जाना

Express-way Accident: रास्ते के सारे चेकपोस्ट इसे क्यों निकलने दे रहे थे, यह सवाल अब सबकी जुबां पर है। यह बिहार से दिल्ली और दिल्ली से बिहार जाती थी।

Snigdha Singh
Written By Snigdha Singh
Published on: 10 July 2024 10:36 PM IST (Updated on: 10 Aug 2024 6:43 PM IST)
Expressway Accident in Unnao
X

Expressway Accident in Unnao (Photo: Social Media)

Expressway Accident in Unnao: एक्सप्रेस-वे पर काल बने टैंकर और बस दोनों के परमिट, बीमा और फिटनेस तीनों की मियाद खत्म हो चुकी थी। एक्सपायर अनुमतियों वाले इन वाहनों ने 18 लोगों को मौत की नींद सुला दिया। दस्तावेजों की पड़ताल से पता चला है कि इनका एक भी कागज दुरुस्त नहीं था। इसके बावजूद बस तीन राज्यों (उप्र, बिहार, दिल्ली) के आरटीओ और पुलिस को चकमा देकर दौड़ाई जा रही थी। टैंकर पूरे यूपी में दनदना रहा था। बस तकरीबन 22 जिलों से हर तीसरे दिन गुजर रही थी लेकिन न रोकी गई, न सीज की गई। यही हाल टैंकर का रहा। 18 मौतों के बाद एआरटीओ उन्नाव ने ट्रैवल्स एजेंसी मालिक के खिलाफ बेहटा मुजावर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

ऐसी बस सड़क पर उतारना अपराध

यह बस (यूपी 95 टी 4729) केसी जैन ट्रैवल्स के नाम से महोबा उप संभागीय कार्यालय में रजिस्टर्ड है। परिवहन रिकॉर्ड के मुताबिक बस का फिटनेस प्रमाणपत्र एक जनवरी 2021 को एक्सपायर हो गया। इसका टैक्स 30 नवंबर 2023 तक ही भरा गया था। बीमा 13 फरवरी 2024 को खत्म हो गया था। परमिट दो जनवरी 2024 को समाप्त हो चुका था। प्रदूषण प्रमाणपत्र 15 अप्रैल 2024 तक का ही था। परिवहन विशेषज्ञ निर्मल त्रिपाठी के मुताबिक यह बस सड़क पर एक भी दिन चलने योग्य नहीं थी। इसके बाद भी बस का संचालन बिहार से दिल्ली तक किया जा रहा था। रास्ते के सारे चेकपोस्ट इसे क्यों निकलने दे रहे थे, यह सवाल अब सबकी जुबां पर है। यह बिहार से दिल्ली और दिल्ली से बिहार जाती थी। हर महीने सैकड़ों लोगों की जान जोखिम में रही। बस जिस समय टैंकर से पास ले रही थी, रफ्तार अधिक होने की वजह से लहरा रही थी। फिटनेस न होने की वजह से ही बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बस दुरुस्त होती तो शायद घटना न होती।



टैंकर की भी वहीं कहानी

बस जिस टैंकर से टकराई (यूपी 70 सीटी4199), उसका बीमा 30 अप्रैल को खत्म हो चुका था। फिटनेस पांच मई को समाप्त हो चुकी थी। प्रदूषण प्रमाणपत्र 14 नवंबर 23 तक का ही था। इसके बावजूद साढ़े बारह साल पुराना यह टैंकर सड़क पर फर्राटा भर रहा था।

अरविंद सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन प्रथम के अनुसार बस और टैंकर दोनों का कोई कागज दुरुस्त नहीं मिला है। बीमा, परमिट, फिटनेस सब एक्सपायर हो चुके थे। बेहटा मुजावर थाने में ट्रैवल्स कंपनी और संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

अब मालिकों को देना होगा जुर्माना

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंश्योरेंस सर्वेयर्स एंड लॉस एसेसर्स (इस्ला) के राष्ट्रीय सचिव, निर्मल त्रिपाठी के मुताबिक पीड़ितों को आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज कराने होंगे। निर्मल त्रिपाठी ने कहा कि मोटर वेहिकल एक्ट 1988 के सेक्शन 39 के अनुसार बिना रजिस्ट्रेशन वाहन नहीं चलाया जा सकता। इसी एक्ट के सेक्शन 56 में साफ है कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के रजिस्ट्रेशन अपूर्ण होता है। सेक्शन 66 में परमिट की अनिवार्यता है।



इसी एक्ट में सेक्शन 146 के अंतर्गत कोई भी वाहन किसी भी दशा में बिना थर्ड पार्टी बीमा के नहीं चलाया जा सकता। इनमें से किन्ही भी शर्तों का अनुपालन न होना दंडनीय अपराध है, जैसा कि इस हादसे में सामने आया है। दोनों वाहनों का बीमा न होने का सबसे बड़ा नुकसान यह कि पीड़ितों को तत्काल बीमा की रकम नहीं मिल सकेगी। अगर अकेले टैंकर का ही थर्ड पार्टी बीमा होता तो उन्हें मुआवजा मिल जाता। अब उन्हें इसके लिए मुकदमा लड़ना पड़ेगा। पीड़ितों के केस जीतने पर वाहन मालिकों को निजी रूप से मुआवजा देना होगा। कई बार यह भी देखा गया है कि लंबे समय तक केस चलने पर वाहन मालिक अपनी संपत्तियां फैसला होने से पहले ही दूसरों का ट्रांसफर कर देते हैं। निर्णय आने पर वे खुद को दीवालिया बताते हुए मुआवजा देने से इनकार करते हैं। ऐसे में केस और लंबे समय तक चलते हैं।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

Next Story